ABC News: शाहजहांपुर में निकाय चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका लगा है. अर्चना वर्मा भाजपा में शामिल हो गई हैं. इन्हें सपा ने महापौर प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन रविवार को उन्होंने सपा से नाता तोड़कर सबको चौंका दिया. लखनऊ में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अर्चना वर्मा को भाजपा की सदस्यता दिलाई. इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना भी मौजूद रहे.
अर्चना वर्मा वर्ष 2005 में जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं थीं. वह चार बार विधायक और सपा सरकार में मंत्री रहे राममूर्ति वर्मा के बेटे राजेश वर्मा की पत्नी हैं. राजेश वर्मा 2022 के विधानसभा चुनाव में ददरौल सीट से सपा के प्रत्याशी थे. सपा ने 12 अप्रैल को महापौर प्रत्याशी के तौर पर अर्चना वर्मा के नाम की घोषणा की थी. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनको चुनाव लड़ाने की तैयारी में जुटे थे, लेकिन ऐन वक्त पर अर्चना ने पाला बदल दिया. दो साल पहले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी भाजपा ने सपा को ऐसे ही झटका दिया था. ऐन मौके पर सपा प्रत्याशी वीनू सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा प्रत्याशी ममता यादव निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो गईं थीं. निकाय चुनाव में भी भाजपा ने पुराने दांव से सपा को बड़ा झटका दिया है.
रविवार को राममूर्ति सिंह वर्मा की पुण्यतिथि पर अर्चना वर्मा के आवास पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. अर्चना वर्मा भी वहां मौजूद थीं. सपा जिलाध्यक्ष के साथ तमाम पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं के साथ मीडिया का जमघट भी लगा हुआ था. यहां पर पार्टी जिलाध्यक्ष और पति राजेश वर्मा से जब पत्रकारों ने अर्चना वर्मा के भाजपा में शामिल होने की अटकल के बारे में पूछा तो उन्होंने सख्ती से मना कर दिया. सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खां ने कहा कि अर्चना वर्मा के सपा प्रत्याशी बनने के बाद से भाजपा घबरा गई है. उसे कोई प्रत्याशी नहीं मिल रहा है. इसी वजह से अब तक घोषणा नहीं की गई है. दोपहर करीब ढाई बजे तक सपाई अर्चना वर्मा के आवास पर मौजूद रहे. बताया जाता है कि इसके बाद अर्चना वर्मा वहां से निकल गईं.