ABC NEWS: श्रावण मास का पहला प्रदोष व्रत आज 14 जुलाई शुक्रवार को है. आज शिव भक्त व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करते हैं. इस साल सावन माह में 4 प्रदोष व्रत हैं. प्रदोष व्रत सभी प्रकार के रोग, दोष, पाप आदि से मुक्ति प्रदान करता है. संतान, धन, सुख, समृद्धि, यश, कीर्ति आदि की प्राप्ति भी इस व्रत से होती है. महादेव के आशीर्वाद से जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं सावन के पहले प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
सावन का पहला प्रदोष 2023 मुहूर्त
दृक पंचांग के आधार पर सावन कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: आज, शुक्रवार, शाम 07 बजकर 17 मिनट से
सावन कृष्ण त्रयोदशी तिथि का समापन: कल, शनिवार, रात 08 बजकर 32 मिनट तक
शिव पूजा का शुभ समय: आज, शाम 07 बजकर 21 मिनट से रात 09 बजकर 24 मिनट तक
वृद्धि योग: सुबह 08 बजकर 28 मिनट से पूरी रात
रोहिणी नक्षत्र: प्रात:काल से रात 10 बजकर 27 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक
शिववास: नंदी पर, प्रात:काल से शाम 07 बजकर 17 मिनट तक
प्रदोष व्रत और पूजा विधि
जिन लोगों को यह व्रत रखना है, वे प्रात:काल में स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. फिर भगवान भोलेनाथ का ध्यान करके प्रदोष व्रत और शिव पूजा का संकल्प करें. इसके साथ व्रत का प्रारंभ होगा.
दिन में आप दैनिक पूजा कर लें. दिनभर फलाहार पर रहें, अन्न ग्रहण न करें. ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें. शिव की भक्ति और भजन में समय व्यतीत करें. दोपहर में सोना वर्जित है. शाम को शुभ मुहूर्त में घर पर या फिर शिव मंदिर में जाकर पूजा करें.
शिवलिंग का गंगाजल और दूध से अभिषेक करें. फिर फूल, माला, अक्षत्, बेलपत्र, चंदन, भस्म, भांग, धतूरा, फल, मिठाई आदि अर्पित करें. इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें. फिर शिव चालीसा का पाठ करें. प्रदोष व्रत कथा को सुनें.
फिर घी के दीपक या कपूर से भगवान शिव की आरती करें. पूजा में हुई कमी और त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना कर लें. शिवजी से मनोकामना पूर्ति के लिए आशीर्वाद लें. रात्रि में जागरण करें. अगली सुबह स्नान और पूजा के बाद किसी ब्राह्मण को क्षमता अनुसार दान और दक्षिणा दें. उसके बाद पारण करके प्रदोष व्रत को पूरा करें.
सावन में 4 प्रदोष व्रत
इस बार सावन में 4 प्रदोष व्रत हैं. पहला प्रदोष व्रत 14 जुलाई, दूसरा प्रदोष व्रत 30 जुलाई, तीसरा प्रदोष व्रत 13 अगस्त और चौथा प्रदोष व्रत 28 अगस्त को है.
प्रस्तुति : भूपेंद्र तिवारी