RBI ने जारी किया अलर्ट,पब्लिक प्लेस पर फोन चार्ज करना पड़ सकता है भारी

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ABC News :  ( ट्विंकल यादव ) अगर आप भी घर से बाहर निकलने पर स्मार्टफोन चार्ज करने के लिए पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का इस्तेमाल करते हैं तो सतर्क हो जाइए. RBI ने एक स्कैम को लेकर जानकारी दी है. इन दिनों स्कैमर्स  Juice Jacking Scam के साथ यूजर्स की बैंकिंग जानकारियां चुराने का काम कर रहे हैं. यह काम पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर किया जा रहा है.

घर से निकलने के बाद अक्सर लोग पब्लिक प्लेस पर अपने मोबाइल फोन को चार्जिंग पर लगा देते हैं. हालांकि, यह जरूरी है कि आप सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग करते समय सावधान रहें. दरअसल, इन दिनों कुछ स्कैमर्स ‘Juice Jacking’ स्कैम के जरिए लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इस स्कैम को लेकर RBI ने भी अलर्ट जारी किया है. वित्तीय सेक्टर में वित्तीय धोखाधड़ी के बारे में आरबीआई की एक बुकलेट के अनुसार, जूस जैकिंग स्कैम एक तरह का घोटाला है. इसके माध्यम से साइबर अपराधी आपके मोबाइल से महत्वपूर्ण डेटा चुरा लेते हैं, जिससे आपको वित्तीय नुकसान हो सकता है.

क्या है Juice Jacking Scam?
जूस जैकिंग स्कैम एक ऐसा तरीका है जिसमें साइबर क्रिमिनल्स मोबाइल और लैपटॉप जैसे डिवाइस में से महत्वपूर्ण डेटा चुराने का उपाय अपनाते हैं. इस प्रकार के स्कैम को अंजाम देने के लिए ,साइबर अपराधियों द्वारा चार्जिंग स्टेशन पर मालवेयर वाला सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर इंस्टॉल किया जा रहा है. जैसे ही यूजर फोन को चार्जिंग के लिए पोर्ट से कनेक्ट करता है, आपका सारा डेटा सेकेंडों में चोरी हो जाता है.
याद रखें कि मोबाइल के चार्जिंग पोर्ट का उपयोग फाइल/डेटा ट्रांसफर करने के लिए भी किया जा सकता है. साइबर बदमाश सार्वजनिक चार्जिंग पोर्ट का उपयोग वहां से जुड़े फोन में मैलवेयर ट्रांसफर करने के लिए करते हैं और किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन से डेटा संवेदनशील डेटा जैसे ईमेल, एसएमएस, सहेजे गए पासवर्ड इत्यादि पर नियंत्रण, पहुंच हासिल कर लेते हैं या उनकी चोरी करते हैं.

कैसे काम करता है  Juice Jacking Scam?
स्कैमर्स सबसे पहले पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर मालवेयर वाला सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर सेट करता है. हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, होटलों या अन्य भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अक्सर लोग फोन चार्जिंग की जरूरत महूसस करते हैं. ऐसे में स्कैमर्स ऐसी जगहों को ही निशाना बनाते है. इसके बाद स्कैमर्स चाहता है कि यूजर को लुभाया जाए. इसके लिए वह चार्जिंग स्टेशन को “फ्री चार्जिंग” स्टेशन के रूप में लेबल कर सकता है. फ्री का लेबल देखकर ज्यादा से ज्यादा यूजर्स को लुभाया जा सकता है. आखिर में स्कैमर्स अपनी साजिश को अंजाम देते हैं. जैसे ही यूजर USB केबल के जरिए चार्जिंग स्टेशन से डिवाइस को चार्ज करने के लिए जोड़ता है, इंस्टॉल किया गया मालवेयर यूजर का डेटा चुरा लेता है. स्कैमर कनेक्टेड डिवाइस से प्राइवेट डेटा जैसे पासवर्ड, फोटो और बैंकिग जानकारियों को चुरा लेता है.

कैसे बचा जाए
जूस जैकिंग से बचने के लिए, सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग करने से बचें. यदि आप सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके डिवाइस को चार्ज करने से पहले यूएसबी केबल को सावधानी से जांच लें. यदि आप किसी भी असामान्य चीज को देखते हैं, तो यूएसबी केबल का उपयोग न करें.

 

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