ABC NEWS: सावन अधिक मास का अंतिम प्रदोष व्रत 13 अगस्त दिन रविवार को रखा जाएगा. यह रवि प्रदोष व्रत है. हर माह की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत रखते हैं. सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदयाी तिथि 13 अगस्त को सुबह 08:19 बजे से 14 अगस्त सोमवार को सुबह 10:25 बजे तक है. प्रदोष पूजा का मुहूर्त 13 तारीख की शाम को प्राप्त हो रहा है, इस वजह से प्रदोष व्रत उस दिन ही रखा जाएगा. रवि प्रदोष व्रत रखने और सायंकाल में शिव पूजा करने से रोग दूर होते हैं और उत्तम सेहत का अशीर्वाद मिलता है. 13 अगस्त रविवार को भगवान शिव और सूर्य देव की पूजा का संयोग बना है. उस दिन आप 3 आसान उपायों से अपने करियर में उन्नति कर सकते हैं, धन और यश प्राप्त कर सकते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव बता रहे हैं प्रदोष व्रत के उपाय.
प्रदोष व्रत 2023 पूजा मुहूर्त और योग
रवि प्रदोष व्रत की पूजा 13 अगस्त को प्रदोष काल में यानि सूर्यास्त के बाद किया जाएगा. उस दिन आप शाम 07 बजकर 03 मिनट से प्रदोष व्रत की पूजा कर सकते हैं. प्रदोष पूजा का मुहूर्त रात 09 बजकर 12 मिनट पर खत्म होगा.
रवि प्रदोष व्रत वाले दिन पुनर्वसु नक्षत्र और सिद्धि योग है. सिद्धि योग दोपहर 03 बजकर 56 मिनट से पूरी रात है, जबकि पुनर्वसु नक्षत्र सुबह 08 बजकर 26 मिनट से अगले दिन सुबह तक है. पुनर्वसु नक्षत्र व्यक्ति के धन और यश में वृद्धि करने वाला है.
प्रदोष व्रत के ज्योतिष उपाय
1. करियर में तरक्की के लिए
रवि प्रदोष व्रत के दिन शुभ मुहूर्त में जब आप पूजा करें तो जल में गेहूं मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें या फिर पूजा के दौरान एक मुट्ठी गेहूं शिवजी को चढ़ा दें. ऐसा करने से आपके करियर में तरक्की होगी. जीवन में सुख, समृद्धि और संपन्नता आएगी.
2. यश और सफलता के लिए
यश और सफलता के लिए आपकी कुंडली में सूर्य का मजबूत होना आवश्यक है. रवि प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल में लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ डालकर अर्घ्य दें. उसके बाद सवा किलो गेहूं का दान करें.
3. धन-संपत्ति के लिए
प्रदोष व्रत की पूजा के समय 21 बेलपत्र को अच्छे से साफ कर लें और उस पर चंदन से ओम नम: शिवाय लिख दें. फिर एक-एक करके भगवान शिव को चढ़ा दें. पूजा समापन के कुछ देर बाद उसमें से एक बेलपत्र लेकर अपनी तिजोरी या धन स्थान पर रख दें. यह उपाय आप धतूरे के साथ भी कर सकते हैं. शिवलिंग पर एक धतूरा अर्पित करने के बाद उसे तिजोरी में रखें.
प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी