ABC NEWS: पूस की सर्द रात में ट्रेन यात्रा के दौरान आप गहरी नींद में सो रहे हों और अचानक फायर अलार्म बज जाए तो सोचिए क्या होगा. हर कोई जान बचाने को इधर-उधर भागेगा, अफरातफरी का माहौल होगा और यात्री चेनपुलिंग कर ट्रेन को रोकेंगे. फिर कंट्रोल को सूचना दी जाएगी और बचाव के इंतजाम शुरू हो जाएंगे. आखिर में सबकुछ करने के बाद जब ये पता चलेगा कि अलार्म चूहे की वजह से बजा था तो यात्रियों और रेल कर्मचारियों के चेहरे की स्थिति क्या होगी. जी हां ऐसा ही कुछ हुआ बुधवार देर रात मुजफ्फरपुर से नई दिल्ली जा रही सप्तक्रांति एक्सप्रेस में, जब चूहे ने फायर अलार्म बजाकर सबको परेशान कर दिया.
दरअसल, यह घटना बुधवार देर रात तीन बजकर 21 मिनट की है. मुजफ्फरपुर से नई दिल्ली जाने वाली सप्तक्रांति एक्सप्रेस (12557) उस वक्त शाहजहांपुर जिले के बंथरा और तिलहर के बीच में थी सर्द रात में यात्री कंबल में लिपटकर सो रहे थे. अचानक थर्ड एसी के बी-1 कोच में फायर अलार्म बजने लगा. यात्री इधर-उधर भागने लगे. सूचना पर बी-2 और बी-3 कोच में भी खलबली मच गई. ऐसे में तुरंत ही किसी यात्री ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी. यात्री ट्रेन से उतरकर पटरियों से दूर खड़े हो गए.
जानकारी मिलते ही लोको पायलट राजकुमार ने तुरंत ही मैकेनिकल स्टाफ और रेलवे कंट्रोल को इस बात की सूचना दी. इसके बाद लोको पायलट, मैकेनिकल स्टाफ और गार्ड ने अलार्म को चेक किया तो सब ठीक था. फिर इलेक्ट्रिक विभाग के एक कर्मचारी ने अलार्म सिस्टम को चेक करने की सोची कि कहीं कोई शॉर्ट सर्किट तो नहीं हुआ है. ऐसे में जैसे ही फायर अलार्म सिस्टम के बॉक्स को खोला गया तो उसमें एक चूहा मरा मिला. उसे देखते ही इस बात को समझने में देर नहीं लगी कि क्या हुआ होगा. लोको पायलट राजकुमार ने बताया कि इसके बाद यात्रियों और ट्रेन के स्टाफ ने राहत की सांस ली और करीब एक घंटे बाद तड़के 4:21 बजे ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया.
एक घंटे के ब्लॉक ने रोकी गाड़ियां, धीरे-धीरे गुजारी
कैंट और टिसुआ स्टेशन के बीच कई जगह पर ट्रैक पर मेंटेनेंस कार्य किया जिसकी वजह से बरेली जंक्शन पर गाड़ियों को रोकना पड़ा. इंजीनियरिंग विभाग ने दोपहर 1:00 बजे से लेकर 2:00 बजे तक ब्लॉक का लिया. 13152 सियालदाह एक्सप्रेस आधा घंटे तक जंक्शन पर रोकी गई. इसके बाद (13308) गंगा सतलुज एक्सप्रेस को भी 17 मिनट को रोका गया, जबकि यह ट्रेन पहले से ही करीब सात घंटे लेट पहुंची थी. (15918) अवध आसाम एक्सप्रेस को भी रोका गया.