ABC NEWS: नया विक्रम संवत 2080 12 की जगह 13 महीने का होगा. इसके साथ ही शिव जी का महीना सावन 59 दिनों का होगा। उसमें आठ सोमवार के व्रत करने का शिवभक्तों को मौका मिलेगा. इस नूतन हिंदू नव वर्ष मास और दिवस की अधिकता मलमास के चलते होगी. कालगणना के अनुसार प्रत्येक तीसरे वर्ष में ऐसी स्थिति बनती है.
नल नामक नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च से प्रारंभ होगा. इसके सावन मास में एक पखवारा बाद अधिक मास, जिसे पुरुषोत्तम मास या मलमास भी कहते हैं, लगेगा. ऐसे में सावन की कुल अवधि 59 दिन की होगी. सावन चार जुलाई से 31 अगस्त तक रहेगा. शिवभक्तों को इस वर्ष सावन में व्रत के लिए कुल आठ सोमवार मिलेंगे.
महावीर पंचांग के संपादक ज्योतिषाचार्य पं. रामेश्वरनाथ ओझा ने बताया कि साम्वत्सरी पद्धति के अनुसार संवत 2080 में सावन चार जुलाई से आरंभ होकर 31 अगस्त को समाप्त होगा. अधिक मास के कारण व्रत-त्योहारों की तिथि में भी परिवर्तन होगा.
सावन में आठ सोमवार होंगे. इस साल रक्षाबंधन 31 अगस्त को पड़ेगा जो आमतौर पर 10 से 15 अगस्त के बीच पड़ता है. इससे पहले यह संयोग वर्ष 2004 में बना था. 19 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है.
इस वर्ष चातुर्मास पांच महीने का होगा जो सामान्यत: चार महीने का होता है. भगवान विष्णु पांच महीने तक योगनिद्रा में रहेंगे. इस दौरान गृह प्रवेश, मुंडन,विवाह, जनेऊ संस्कार आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे.
नये संवत्सर में सावन के सोमवार
सावन का पहला सोमवार : 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार : 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार : 24 जुलाई
सावन का चौथा सोमवार : 31 जुलाई
सावन का पांचवा सोमवार : 07 अगस्त
सावन का छठा सोमवार : 14 अगस्त
सावन का सातवां सोमवार : 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार : 28 अगस्त