ABC NEWS: गुजरात की जेल में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे यूपी के माफिया अतीक अहमद की नींद उस समय उड़ गई जब अहमदाबाद स्थित साबरमती जेल पर अचानक पुलिस अधिकारियों ने बेहद सख्त सर्च ऑपरेशन चलाया। गुजरात पुलिस ने सूबे की 17 जेलों में छापेमारी अभियान चलाया. गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, यह ऑपरेशन शुक्रवार रात से शुरू किया गया. इस ऑपरेशन में आला अधिकारियों समेत करीब 1,700 पुलिस के जवान शामिल हैं. इतना ही नहीं गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने गांधीनगर में पुलिस अधिकारियों के साथ एक हाई लेबल बैठक की.
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने यह बैठक ऐसे वक्त में ली है जब पुलिस ने शुक्रवार रात को राज्य की सभी जेलों का तगड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया. पुलिस का कहना है कि वह इस बात की पड़ताल कर रही है कि सूबे की जेलों से कोई अवैध गतिविधि तो अंजाम नहीं दी जा रही है. गुजरात में यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में सामने आया है जब यूपी में उमेश पाल की हत्या का मुद्दा बेहद गर्म है. बीते 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उनके सुरक्षा कर्मियों की बदमाशों ने दिनदहाड़े हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में अतीक के गुर्गों का हाथ बताया जाता है. यूपी पुलिस अतीक के गुर्गों की सरगर्मी से तलाश कर रही है. उमेश पाल राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह थे.
मालूम हो कि 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज में तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. इसमें अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत 18 से अधिक का नाम सामने आया था. यूपी की योगी सरकार अतीक के गुर्गों पर सख्त कार्रवाई कर रही है. साबरमती जेल में कैद अतीक अहमद यूपी नहीं आना चाहता है. अतीक के परिवार का कहना है कि यूपी में उसकी जान को खतरा है. अतीक ने अपनी सुरक्षा की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में पहले ही याचिका लगा चुका है क्योंकि अटकलें थी कि उमेश पाल हत्याकांड की जांच को लेकर योगी सरकार उसे यूपी लाने की तैयारी कर रही है.
सूत्रों की मानें तो गुजरात पुलिस की कार्रवाई में जेलों से कई मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. पुलिस अधिकारियों की कार्रवाई की सूबे के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने खुद मॉनीटरिंग की.
सनद रहे हर्ष सांघवी ने मंगलवार को भी साबरमती केंद्रीय कारागार का औचक दौरा किया था. साबरमती सेंट्रल जेल में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के अलावा कई हाईप्रोफाइल कैदी बंद हैं. इसी जेल में 2008 के अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट मामले के कई दोषियों को भी बंद किया गया है. राजू पाल हत्याकांड में शामिल बदमाशों की तलाश के बीच गुजरात सरकार की कार्रवाई अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को लेकर बेहद सख्त संकेत दे रही है.