ABC NEWS: आज 03 मार्च दिन शुक्रवार को रंगभरी एकादशी है. पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी मनाई जाती है. इस दिन आंवला एकादशी या आमलकी एकादशी भी होती है. यह एक ऐसा दिन है कि आप भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की पूजा करते हैं. सालभर में ऐसे मौके बहुत कम आते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं रंगभरी एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.
रंगभरी एकादशी 2023 मुहूर्त
फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि की शुरूआत: 02 मार्च, गुरुवार, सुबह 06 बजकर 39 मिनट से
फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि की समाप्ति: 03 मार्च, शुक्रवार, सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर
सौभाग्य योग: सुबह से लेकर शाम 06 बजकर 45 मिनट तक
शोभन योग: शाम 06 बजकर 45 मिनट से पूरी रात
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजकर 45 मिनट से दोपहर 03 बजकर 43 मिनट तक
पूजा का मुहूर्त: सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा अत्यंत फलदायी होगी.
गभरी एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन विवाह के बाद पहली बार भगवान शिव माता पार्वती को लेकर अपनी नगरी काशी आए थे. तब शिव गणों और भक्तों ने माता पार्वती और बाबा विश्वनाथ का गुलाल से स्वागत किया था. तब से हर साल रंगभरी एकादशी पर काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा होती है. उनको रंग गुलाल अर्पित किया जाता है. उसके बाद शिव जी माता गौरी के संग नगर भ्रमण करते हैं.
राशि अनुसार रंगभरी एकादशी की पूजा
मेष: आप शिव जी को बेलपत्र, लाल फूल, लाल चंदन और लाल गुलाल अर्पित करें. इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.
वृष: आप शिव जी को गाय का दूध, जल, सफेद फूल और सफेद चंदन चढ़ाएं. ओम नागेश्वराय नमः मंत्र पढ़ें.
मिथुन: आप शिवजी को बेलपत्र, भांग, धतूरा, दही, जल आदि अर्पित करें. हरा गुलाल अर्पित करें. ओम नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ओम नम: मंत्र जपें.
कर्क: ओम चंद्रमौलेश्वर नम: मंत्रोच्चार के साथ शिवलिंग पर सफेद चंदन, दूध, भांग आदि अर्पित करें.
सिंह: ओम नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ओम नम: मंत्र का जाप करते हुए भोलेनाथ को लाल गुलाल, लाल पुष्प अर्पित करें.
कन्या: बेलपत्र, धतूरा, भांग, गंगाजल और हरे रंग के गुलाल से शिवजी की पूजा करें. ओम नमो शिवाय कालं ओम नम: मंत्र पढ़ें.
तुला: आप शिवलिंग पर सफेद चंदन, इत्र, गंगाजल, गाय का दूध और मिश्री चढ़ाएं. ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.
वृश्चिक: आपकी राशि के लोग महादेव को लाल चंदन, लाल गुलाल, लाल फूल, बेलपत्र आदि अर्पित करें और ओम हौम ओम जूं स: मंत्र का उच्चारण करें.
धनु: ओम नमो शिवाय गुरु देवाय नम: मंत्रोच्चार के साथ शिवलिंग पर बेलपत्र, पीले पुष्प, केसर या पीला गुलाल चढ़ाएं.
मकर और कुंभ: दोनों ही राशियों के जातक ओम हौम ओम जूं स: मंत्र का जाप करते हुए शिवजी को बेलपत्र, धूतरा, भांग, नीला गुलाल या नीला फूल अर्पित करें. नीला रंग शनि देव का प्रिय रंग है.
मीन: आपका राशि स्वामी बृहस्पति हैं. आप ओम नमो शिवाय गुरु देवाय नम: मंत्रोच्चार के साथ शिव जी को पीले पुष्प, केसर, पीला गुलाल अर्पित करें.