40 दिन के पैरोल पर रिहा होकर मौज कर रहा राम रहीम, अब तलवार से केक काटता दिखा

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ABC NEWS: दो शिष्याओं के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सजायाफ्ता डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Dera Sacha Sauda Chief Gurmeet Ram Rahim) 40 दिन की पैरोल मिलने के बाद अब मौज कर रहा है. राम रहीम को 40 दिन की पैरोल के दौरान तलवार से केक काटते देखा गया. राम रहीम पैरोल मिलने के बाद हरियाणा की सुनारिया जेल से शनिवार को उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपने बरनावा आश्रम में पहुंचा था.

हनीप्रीत के साथ बरनावा आश्रम पहुंचा राम रहीम

राम रहीम 40 दिन की पैरोल मिलने के बाद हरियाणा की सुनारिया जेल से शनिवार को बागपत के बरनावा आश्रम में पहुंचा था. आधा आधा दर्जन से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ सुरक्षा घेरे में गुरमीत राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल से लेकर हरियाणा व उत्तर प्रदेश की बागपत पुलिस बरनावा आश्रम पहुंची थी. हर बार की तरह इस बार भी हनीप्रीत उसके साथ आई है.

आश्रम के गेट पर कड़ा पहरा

राम रहीम के आश्रम में प्रवेश करते ही मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया. बताया गया कि साध संगत के आश्रम के अंदर प्रवेश करने पर रोक लगाई गई है. डेरे के मुख्य द्वार पर पुलिस बल तैनात किया गया है.

बीते साल अक्टूबर में भी मिली थी पैरोल

गौरतलब है कि राम रहीम हरियाणा पंचायत चुनाव और आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले अक्टूबर 2022 में भी 40 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आया था. डेरा प्रमुख को 17 जून को भी एक महीने की पैरोल मिली थी. वह 2017 से हरियाणा की सुनारिया जेल में बंद है, जहां वह सिरसा में अपने आश्रम के मुख्यालय में दो महिला शिष्यों के साथ बलात्कार करने के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है. इससे पहले फरवरी में डेरा प्रमुख को तीन सप्ताह का फरलो दिया गया था.

20 साल की हुई है सजा

गौरतलब है कि डेरा प्रमुख को हरियाणा पंचायत चुनाव और आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले भी पैरोल दी गई थी. रहीम को 17 जून को एक महीने की पैरोल मिली थी. इससे पहले फरवरी में डेरा प्रमुख को तीन सप्ताह का पैरोल दिया गया था. वह 2017 से हरियाणा की सुनारिया जेल में कैद है, जहां वह सिरसा में अपने आश्रम की दो शिष्याओं के साथ बलात्कार करने के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है.

गुरमीत राम रहीम को अगस्त 2017 में पंचकूला की एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के लिए दोषी ठहराया था. सीबीआई ने 2003 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों पर मामला दर्ज किया था और कुरुक्षेत्र में पुलिस स्टेशन सदर में पहले दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में ली थी.

आरोप है कि कुरुक्षेत्र के गांव खानपुर कोलियान निवासी रणजीत सिंह की हत्या 10 जुलाई 2002 को उस समय कर दी गई जब वह हरियाणा के जिला कुरुक्षेत्र के गांव खानपुर कोलियान में अपने खेतों में काम कर रहा था. इस मामले की जांच के बाद, सीबीआई ने 2007 में छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया और 2008 में आरोप तय किए गए, जबकि 8 अक्टूबर, 2021 को अदालत ने राम रहीम और चार अन्य को डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराया था.

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