ABC News: कानपुर देहात जिले में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए अग्निकांड में मां-बेटी की मौत के बाद कानपुर शहर की सियासत भी गर्म हो गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के साथ पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे शहर कांग्रेस के कई नेताओं को भी उन्नाव पुलिस ने नवाबगंज टोल प्लाजा पर हिरासत में ले लिया.
खाबरी के साथ लखनऊ से पूर्व मंत्री नकुल दुबे, नसीमुद्दीन सिद्दीकी के अलावा कानपुर से कृपेश त्रिपाठी और संदीप शुक्ला मौजूद थे. वहीं, कानपुर से देहात जा रहे प्रदेश कांग्रेस सचिव विकास अवस्थी, जेपी पाल, पवन गुप्ता, अजय तिवारी, हरि शंकर पाल, अखिल गुप्ता को पुलिस ने बारा टोल प्लाजा पर हिरासत में ले लिया. इस दौरान कांग्रेस नेताओं की पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के साथ हल्की कहासुनी भी हुई. कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि पुलिस ने देहात में पीड़ित परिवार के साथ ज्यादती की और अब उस परिवार को ढांढस बंधाने जा रहे कांग्रेस नेताओं को भी तानाशाह रवैये के तहत रोककर पुलिस अपनी खिसियाहट दिखा रही है. कानपुर देहात में मामले को लेकर सपा का डेलिगेशन लेकर जा रहे रायबरेली ऊंचगांव के सपा विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पांडे सहित अन्य सपाईयों को पुलिस ने जाजमऊ के बदरका चौराहे पर रोक लिया. इसके बाद विधायक अन्य कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर धरने पर बैठे गए. इसके बाद प्रदेश सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. करीब तीन घंटे तक सपाई धरने पर बैठे रहे काफी मान मनौव्वल के बाद सपाई माने और एसडीएम सदर नूपुर गोयल को विधायक ने एक ज्ञापन सौंपा जिसके बाद वह सभी शुक्लागंज होकर उन्नाव को निकल गए. बता दें कि कानपुर देहात में मां-बेटी की जलकर मौत के मामले के चलते विधायक मनोज पांडे अपने काफिले के साथ जाजमऊ हाईवे मार्ग से होकर मंगलवार दोपहर जा रहे थे. तभी लखनऊ से लेकर शुक्लागंज बदरका चौराहे के बीच ग्यारह चेक प्वाइंट को धोखा देने के बाद आखिर सपा के डेलिगेशन को बदरका चौराहे पर रोक लिया गया. वहीं, कानपुर देहात जा रहे सपा विधायकों और उनके समर्थकों को कानपुर पुलिस ने भौती हाईवे पर हिरासत में ले लिया. यहां पर विधायक अमिताभ बाजपेयी और मो हसन रूमी भड़क गए. काफी देर तक चली बहस के बाद दोनों विधायक सड़क पर ही बैठ गए. सपा विधायक अमिताभ ने कहा कि ये अन्याय और अत्याचार की इंतहा है.