ABC News: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह चरम पर देखा जा रहा है. इसको लेकर जहां मंदिर निर्माण से जुड़े कार्य को तेज किया जा रहा है, वहीं पूरी अयोध्या को भी सजाने की तैयारी चल रही है. इस बीच पता चला है कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित राममंदिर में रामलला की नई मूर्ति की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उतारेंगे. प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में 150 वैदिक आचार्यों को लगाया जा रहा है.
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि काशी के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती के मार्गदर्शन में आचार्यों की टोली का चयन हुआ है. काशी के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित प्रमुख आचार्य रहेंगे. उनके साथ डेढ़ सौ पंडितों की टोली रहेगी, जो विभिन्न पारायण, पाठ, यज्ञ आदि करेगी. काशी के ही प्रसिद्ध वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की निगरानी में सारे अनुष्ठान होंगे. 17 जनवरी को रामलला की अचल मूर्ति की भव्य शोभायात्रा निकालकर राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित की जाएगी. उसके बाद 18 जनवरी से पूजन, अर्चन अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू होगी.
गोविंद देवगिरी ने बताया कि पीएम मोदी राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचने के बाद सबसे पहले जटायु मंदिर जाएंगे. जटायु उन कारसेवकों, बलिदानियों के प्रतीक हैं, जिन्होंने भगवान के कार्य के लिए जीवन को न्योछावर किया. उन सबके प्रतिनिधि के रूप में जटायु को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद वे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. फिर उद्घाटन भाषण को संबोधित करेंगे. कार्यक्रम में मौजूद देशभर से आए साधु संतों से आशीर्वाद लेंगे. इसके बाद समारोह में देश विदेश से आए अतिथियों को रामलला के दर्शन कराए जाएंगे.