ABC News: अब देश ही नहीं बल्कि विदेश में रहने वाले भक्त भी राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण कर सकेंगे. राम मंदिर निर्माण के लिए विदेशी चंदा लेने की बाधा अब दूर हो गई है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से किए गए आवेदन को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के एफसीआरए विभाग ने अनुमति दे दी है. राम मंदिर ट्रस्ट अब विश्व की किसी भी मुद्रा में दान लेने में सक्षम हो गया है.
अन्य किसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक की अन्य किसी शाखा में भेजा गया धन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
विदेशी योगदान स्वीकार किए जाने वाले बैंक खाते का विवरण निम्नलिखित है:बैंक व शाखा का नाम: भारतीय स्टेट बैंक (SBI),
शाखा:- 11 संसद मार्ग, नई दिल्ली
खाता संख्या :- 42162875158
IFSC…— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) October 18, 2023
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी ट्रस्ट को विदेशी चंदा लेने के लिए कम से कम 3 साल की ऑडिट रिपोर्ट गृह मंत्रालय में पेश करनी होती है. राम मंदिर ट्रस्ट ने फरवरी 2023 में अपने 3 साल पूरे कर लिए थे. उसके बाद 3 साल की ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर जुलाई में आवेदन किया गया था. जिसे गृह विभाग की ओर से अनुमति मिल चुकी है. चम्पत राय ने बताया कि बड़ी संख्या में विदेश में बैठे राम भक्त अक्सर मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण करने की इच्छा जताते थे लेकिन इसके लिए ट्रस्ट के पास कानूनी मान्यता नहीं थी. अब यह अड़चन दूर हो गई है. विदेशी राम भक्त मंदिर निर्माण के लिए स्वैच्छिक निधि समर्पण कर सकते हैं. बताया कि विदेशी स्रोतों से प्राप्त होने वाला कोई भी स्वैच्छिक योगदान केवल भारतीय स्टेट बैंक की 11 संसद मार्ग नई दिल्ली-110001, स्थित मुख्य शाखा के खाता संख्या 42162875158 में ही स्वीकार होगा. अन्य किसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक की अन्य किसी शाखा में भेजा गया धन स्वीकार नहीं किया जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि हर माह विभिन्न माध्यमों से राम मंदिर के लिए करीब एक करोड़ का चंदा आ रहा है. भक्त नकदी, चेक, आरटीजीएस, ऑनलाइन तरीके से हर रोज चंदा दे रहे हैं. साथ ही हर महीने करीब 30 लाख का दान भी रामलला के दान प्राप्त से प्राप्त होता है. बताया कि ट्रस्ट ने 2021 में निधि समर्पण अभियान चलाया था जिसमें करीब 3500 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई थी.