ABC NEWS: कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं. मंगलवार को भी शहर के प्रमुख गंगा तटों पर आस्था का संगम देखने को मिल रहा है. सोमवार को भी हजारों की संख्या में भक्त गंगा घाटों पर स्नान के लिए पहुंचे थे.
घाटों पर उमड़ी भक्तों की भीड़
मंगलवार को भोर पहर से ही बिठूर के साथ अटल घाट, सरसैया घाट, सिद्धनाथ घाट, परमट घाट समेत कई घाटों पर काफी संख्या में भक्त स्नान और दान करने के लिए पहुंचे हैं. चंद्र ग्रहण लगने के कारण ज्यादातर भक्त सोमवार को ही सुबह गंगा घाट पर पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई.
गंगा किनारे घाट पर तुलसी पूजन करके परिवार कल्याण और सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं. अटल घाट पर कई भक्तों ने साथ लेकर आए लड्डू गोपाल को भी गंगा स्नान कराया.
भगवान शिव ने किया था राक्षसों का संहार
रावतपुर निवासी शुभम ने बताया कि प्रतिवर्ष परिवार सहित कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने के बाद दान पुण्य करते हैं. संध्याकाल में परमट घाट पर दीपदान करके सर्व कल्याण की प्रार्थना करते हैं. बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा में स्नान करना विशेष फलदाई होता है, इसी दिन भगवान शिव ने राक्षस का संहार किया था.
दीपोत्सव की परंपरा
इस दिन कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया गया था और राक्षस के वध के बाद सभी देवी देवता प्रसन्न होकर काशी आए थे और दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं. इसी कारण हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर दीपोत्सव मनाने की परंपरा है.
सुबह 9.32 बजे से सूतक
आज सूर्योदय पूर्णिमा तिथि में स्नान किया जा रहा है। इसके चलते तीर्थ स्नान और दान भी इसी दिन सुबह जल्दी किए जाने वाला स्नान शुभ है. क्योंकि शाम को होने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक सुबह 9.32 बजे से शुरू हो गया जिसमें स्नान पूजन और दान नहीं होगा.