ABC NEWS: वर्ष 2023 का पहला चंद्रग्रहण आज उपच्छाया चंद्र ग्रहण के रूप में शुरू हो चुका है. भारत में इस ग्रहण का कोई असर नहीं होगा. साथ ही इसमें कोई सूतक काल भी माना जाएगा. जानकारों के अनुसार आज शाम करीब 8:44 बजे शुरू होने वाला यह ग्रहण करीब 4 घंटे 15 मिनट तक चलेगा. हालांकि उपच्छाया चंद्र ग्रहण के चलते यह ग्रहण बहुत स्पष्ट रूप से नहीं दिखेगा और नहीं चंद्रमा का कोई हिस्सा ओझल होगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, उपच्छाया चंद्रग्रहण ग्रहण में कोई सूतक काल नहीं होगा इसके बावजूद के बावजूद कई नियम जैसे गर्भवती महिलाओं का बाहर न निकला. ग्रहण के बाद स्नान और पूजा घर को पवित्र करना आदि.
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— NASA (@NASA) May 16, 2022
अपने निर्धारित समय के अनुसार, 5 मई 2023 का चंद्रग्रहण के शुरू होने के साथ ही आस्थावान लोग अपने आराध्य का स्मरण करना शुरू कर चुके हैं. इस दौरान कोई राम-राम जपेगा तो कोई मंत्र विशेष का जाप करेगा. यह ग्रहण अगले 4 घंट से ज्यादा तक रात्रि 1 बजे तक चलेगा.
अगला ग्रहण कब?
आज 5 मई 2023 को पड़ने वाले ग्रहण के बाद अगला ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को सूर्य ग्रहण होगा पड़ेगा और इसके बाद साल का आखिरी चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को पड़ेगा. आज से पहले 20 अप्रैल 2023 को सूर्य ग्रहण पड़ चुका है.
ग्रहण काल में कैसे मिलेगा लाभ?
ग्रहण काल में मंत्र जाप, स्तुति और ध्यान करना विशेष लाभकारी होता है. आप ग्रहण के दौरान ‘ओम नम: शिवाय’ या चंद्रमा के मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. इस अवधि में की गई आराधना निश्चित रूप से स्वीकार होती है. यदि आप कोई मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं या दीक्षा लेना चाहते हैं तो वह भी ग्रहण काल में काफी शुभ होता है. ग्रहण के बाद स्नान करके किसी निर्धन को कुछ न कुछ दान अवश्य करें.
130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा पर लग रहा है चंद्र ग्रहण
साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई दिन यानी आज लगने वाला है. ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडेय के अनुसार, यह ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा. चंद्र ग्रहण 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा के महासंयोग में लग रहा है. यह विशिष्ट ग्रहण न होकर एक उपछाया ग्रहण है. क्योंकि साल का पहला चंद्र ग्रहण तुला राशि में ही लग रहा है इसलिए इस राशि के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.
लोगों के जीवन पर चंद्रग्रहण का प्रभाव
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि यह चंद्र ग्रहण 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा के महासंयोग में लग रहा है. सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण भी हमारे जीवन पर बड़ा प्रभाव डालता है. लेकिन यह उपछाया ग्रहण है इसलिए इससे लोगों के मन या शरीर पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. यानी इस चंद्रग्रहण को लेकर गर्भवती स्त्रियों, छात्रों या किसी भी व्यक्ति को कोई विचार करने की जरूरत नहीं है. यह भारत में दिखाई भी नहीं देगा इसलिए इस दौरान किसी प्रकार के सूतक का भी विचार नहीं करना होगा. भारत के हिसाब से देखा जाए तो 5 मई की रात्रि को 8:44 मिनट से रात करीब एक बजे तक रहेगी इसलिए इसमें मंदिरों या पूजा पाठ में किसी तरह के नियमों का पालन करने की जरूरत नहीं है.
मंत्र जाप महत्वपू्र्ण-
चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान के नाम का स्मरण या मंत्र जाप को बहुत ही महत्वपू्र्ण बताया गया है. कहा जाता है कि इस दौरान किए गए जाप से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है. आप गुरु से मिले गुरुमंत्र या किसी अन्य मंत्र का जाप कर सकते हैं. अकाल मृत्य के भय को दूर करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं. इसके साथ गायत्री मंत्र व अन्य मंत्र भी जप सकते हैं.
चंद्र ग्रहण का राशियों पर असर
5 मई 2023, बुध पूर्णिमा को पड़ रहा चंद्र ग्रहण तुला राशि में है. इसका राशियों पर असर भी देखने को मिलेगा. जानकारों के अनुसार, 12 साल बाद मेष राशि में चतुर्गही योग बन रहा है. ऐसे में मिथुन, सिंह, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को लाभ देने वाला होगा जबकि कर्क, वृषभ और कर्क राशिवालों को सतर्क रहने की जरूरत है.