अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा में दिखेगा विपक्ष, पीएम मोदी ने संसद में ली चुटकी; देश को निराश किया है

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ABC NEWS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को संसद के निचले सदन लोकसभा को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन को संबोधित करते हुए विपक्ष पर तंज कसा.

पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष ने जो संकल्प किया है, मैं उसकी सराहना करता हूं. इससे मेरा और देश का विश्वास पक्का हो गया है. इन्होंने लंबे समय तक वहां रहने का संकल्प लिया है. अब कई दशक तक जैसे यहां बैठे थे, वैसे ही कई दशक तक वहां बैठने का आपका संकल्प जनता जनार्दन पूरा करेगी.

मोदी ने काह कि आप लोग (विपक्ष) जिस प्रकार से इन दिनों मेहनत कर रहे हैं. मैं पक्का मानता हूं कि जनता जनार्दन आपको जरूर आशीर्वाद देगी. और आप जिस ऊंचाई पर हैं, उससे भी अधिक ऊंचाई पर जरूर पहुंचेगे और अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा में दिखेंगे.

कब तक समाज को बांटता रहेगा विपक्ष
पीएम मोदी ने विपक्ष पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि कब तक विपक्ष समाज को बाटंता रहेगा. इन लोगों ने देश को बहुत तोड़ा है. चुनाव का वर्ष है, कुछ मेहनत करते है. कुछ नया निकालकर लाते. वही पुरानी ढपली पुराना राग. चलिए ये भी मैं आपको सीखाता हूं.

कांग्रेस को एक अच्छा विपक्ष बनने का बेहतरीन मौका मिला था. दस साल कम नहीं होते. लेकिन उस दायित्व को निभाने में विफल हुए. जब खुद विफल हो गए तो विपक्ष में कुछ अच्छे लोग भी हैं उन्हें भी उभरने नहीं दिया. उनकी छवि उभर जाए तो किसी की छवि दब जाए. एक प्रकार से इतना बड़ा नुकसान कर दिया, खुद का भी और विपक्ष का भी. संसद का भी और देश का भी. इसलिए मैं हमेशा चाहता हूं कि देस को एक स्वस्थ अच्छे विपक्ष की बहुत जरूरत है. नेता बदल गए लेकिन

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश ने जितना परिवारवाद का खामियाजा उठाया है, खुद कांग्रेस ने भी उसका खामियाजा उठाया है. परिवारवाद की सेवा तो करनी पड़ती है. खड़गे इस सदन से उस सदन में चले गए. गुलाम नबी तो पार्टी से ही शिफ्ट कर गए. ये सब परिवारवाद की भेंट चढ़ गए. एक ही प्रोडक्ट बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में अपनी ही दुकान को ताला लगाने की नौबत आ गई.

परिवारवाद देश के लोकतंत्र के लिए खतरा है
पीएम ने कहा कि देश परिवारवाद से त्रस्त है. विपक्ष में एक ही परिवार की पार्टी है. हमें देखिए, ना राजनाथ जी की पॉलिटिकल पार्टी है, ना अमित शाह की पॉलिटिकल पार्टी है. जहां एक परिवार की पार्टी ही सर्वेसर्वा हो, वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. देश के लोकतंत्र के लिए परिवारवादी राजनीति हम सबकी चिंता का विषय होना चाहिए. मैं किसी परिवार के दो लोग प्रगति करते हैं, उसका स्वागत करूंगा लेकिन सवाल ये है कि परिवार ही पार्टियां चलाती हैं. ये लोकतंत्र का खतरा है.

हम कहते हैं मेक इन इंडिया, कांग्रेस कहती है कैंसिल, हम कहते हैं, संसद की नई इमारत, कांग्रेस कहती है कैंसिल. मैं हैरान हूं कि ये मोदी की उपलब्धि नहीं है बल्कि देश की उपलब्धियां है. इतनी नफरत कब तक पाले रखोगे.

कांग्रेस की सुस्त रफ्तार का कोई मुकाबला नहीं
मोदी ने कहा कि हमारे लक्ष्य और हौसले बहुत बड़े होते हैं. आज पूरी दुनिया इसे देख रही है. एक कहावत है नौ दिन चले, ढाई कोस. ये कहावत पूरी तरह कांग्रेस को परिभाषित करती है. ये कांग्रेस की सुस्त रफ्तार का कोई मुकाबला नहीं. आज देश में जिस रफ्तार से काम हो रहा है, कांग्रेस सरकार इस रफ्तार की कल्पना भी नहीं कर सकती. हमने गरीबों के लिए चार करोड़ घर बनाए. शहरी गरीबों के लिए 80 लाख पक्के मकान बने हैं. अगर कांग्रेस की रफ्तार से ये घर बने होते तो इतना काम करने में 100 साल लग जाते. पांच पीढ़ियां गुजर जाती.

मोदी ने कहा कि हमने दस साल में 40 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण हुआ. अगर कांग्रेस की रफ्तार से देश चलता तो इस काम को करने में 80 साल लग जाते. एक प्रकार से चार पीढ़ियां गुजर जाती. हमने 17 करोड़ गैस कनेक्शन दिए. अगर कांग्रेस की चाल से चलते तो ये कनेक्शन देने में और 60 साल लग जाते. तीन पीढ़ियां धुएं में खाना पकाते-पकाते थक जाती. हमारी सरकार में सैनिटेशन कवरेज 40 फीसदी से 100 फीसदी तक पहुंची है. कांग्रेस की रफ्तार होती तो ये काम होते-होते 60-70 साल और लगते और कम से कम तीन पीढ़ियां गुजर जाती लेकिन फिर भी गारंटी नहीं होती.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो मानसिकता है, उससे देश को नुकसान हुआ है. कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी भी विश्वास नहीं किया. वे अपने आप को शासक मानते रहे और जनता जनार्दन को हमेशा कमतर आंकते रहे.

नेहरू जी भारतीयों को आलसी समझते थे
मोदी ने कहा कि लाल किले से प्रथम प्रधानमंत्री ने कहा था कि हिंदुस्तान में काफी मेहनत की आदत आमतौर से नहीं है. हम इतना काम नहीं करते थे, जितना कि यूरोप और जापान या चीन, रूस या अमेरिका वाले करते हैं. ये ना समझिए ये कौमें जादू से खुशहाल हुई, वे मेहनत और अक्ल से हुई है. नेहरू जी भारतीयों को आलसी समझते थे. इंदिरा की सोच भी कोई अलग नहीं थी. इंदिरा जी ने कहा था कि हमारी आदत ये है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मतुष्टि की भावना से भर जाते हैं और जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं. कभी-कभी तो ऐसा लगने लगता है कि पूरे राष्ट्र ने ही पराजय भावना को अपना लिया है. ये सोच है इनकी हमारे देश के, भारतीयों के प्रति.

अब अलायंस का अलाइनमेंट बिगड़ गया
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस खुद को शासक समझती है. वो एक परिवार से आगे सोच नहीं सकती. कुछ दिन पहले भानुमति का कुनबा जोड़ा और अब अलायंस का अलाइनमेंट बिगड़ गया है. इनको एक दूसरे पर भी भरोसा नहीं. हमारा पहला कार्यकाल इनके गड्डे भरने में लग गया. दूसरे कार्यकाल में नए भारत की नींव रखी. कांग्रेस की मानसिकता से देश को नुकसान हुआ है.

अंतरिक्ष से ओलंपिक तरक नारी शक्ति की गूंज
पीएम मोदी ने कहा कि सांसदों की ताकत से 370 खत्म हुआ. हमने 370 खत्म होते हुए देखा है. अंतरिक्ष से ओलंपिक तरक नारी शक्ति की गूंज है. उत्तर से दक्षिण तक पूर्व से पश्चिम तक लोगों ने दशकों से अटकी-भटकी-लटकी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरे होते हुए देखा है. हमने अंग्रेजी शासन के पुराने कानूनों से हटकर हमने न्याय संहिता तक प्रगति की. हमारी सरकार ने सैंकड़ों ऐसे कानूनों को खत्म किया, जो प्रासंगिक हो गए थे.

एनडीए अबकी बार 400 पार, बीजेपी 370
मोदी ने कहा कि देश में एक ऐसे मंदिर का निर्माण हुआ है, जो भारत की महान परंपरा को ऊर्जा देता रहेगा. हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल भी बहुत दूर नहीं है. ज्यादा से ज्यादा 100-125 दिन बाकी हैं. पूरा देश कह रहा है अबकी बार मोदी सरकार. मैं आमतौर पर आंकड़ों के चक्कर में नहीं पड़ता. लेकिन मैं देख रहा हूं कि देश का मिजाज एनडीए को 400 पार कराकर रहेगा और बीजेपी को 370 सीटें अवश्य देगा. हमारा तीसरा कार्यकाल अगले 1000 सालों के लिए मजबूत नींव रखने का काम करेगा

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