ABC NEWS: फर्रूखाबाद जिले में आलू की खुदाई चल रही है, जिसमें दो किलो का एक आलू निकला है. जिसको देखकर खुद किसान हैरान रह गया. इस आलू को देखने के लिए आस-पास के लोग भी जुट रहे हैं और अचरज जता रहे हैं. खेती करने वाले किसान ने बताया कि हमारे घर में कई पीढ़ियों से आलू की खेती हो रही है, लेकिन हमने पहली बार इतना बड़ा आलू देखा है.
फर्रूखाबाद जिला आलू की खेती में अव्वल जिलों में शामिल है. एशिया की सबसे बड़ी आलू मंडी भी जिले में है, जहां से देश ही नहीं दूसरे देशों में भी लाखों कुंतल आलू निर्यात किया जाता है. इस समय खेतों में आलू की खुदाई चल रही है, जिसमें दो किलो का आलू निकला है. जिसको देखकर खुद किसान भी हैरान रह गया.
जिले के जहानगंज थाना क्षेत्र के पतौजा गांव में किसान मेराज हुसैन अपने खेतों में आलू की पैदावार करते हैं. इस बार आलू की पैदावार को देखकर वह हैरान पड़ गए, जब उनके खेत में एक आलू दो किलो से अधिक वजन का निकला. इस आलू को देखकर मेराज ही नहीं बल्कि आसपास की दूसरे किसान भी आलू को देखने के लिए पहुंचे.
हुसैन ने बताया कि वह खेती का काम करते हैं और अपने खेतों में आलू की फसल अधिकांश उत्पादन करते हैं, लेकिन इस बार जो उनके खेत में दो किलो का आलू निकला उसको देखकर वह खुद अचरज में पड़ गए. उनका कहना था कि हमारे परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी से आलू की खेती होती चली जा रही है, लेकिन इस तरह का आलू पहली बार निकाला है.
पहली बार इतना बड़ा आलू हुआ: किसान
उन्होंने बताया कि हम लोग परंपरागत रूप से खेती को करते हैं. आलू की फसल में रासायनिक के अलावा जैविक खादों का उपयोग करते हैं. उनके खेतों में आलू की उत्पादकता हमेशा अच्छी रहती है. इस बार आलू का उत्पादन अच्छा रहा है, लेकिन आज से पहले कभी भी इतना वजन का आलू खेतों में पैदा नहीं हुआ है. दो किलो से अधिक के आलू को देखकर खुद भी हैरान हैं कि इस तरह का आलू कैसे पैदा हुआ. किसान मेराज हुसैन के खेत में पैदा हुए 2 किलो से अधिक वजन के आलू को देखने के लिए लगातार दूसरे किसान आ रहे हैं और उनसे खेती के तौर तरीकों की भी जानकारी हासिल कर रहे हैं.
फर्रूखाबाद में होती है सबसे ज्यादा आलू की खेती
बता दें कि यूपी के इस जिले में सर्वाधिक कोल्ड स्टोरेज भी हैं, जहां आलू का भंडारण किया जाता है. फर्रुखाबाद जनपद में कृषि प्रधान जनपद माना जाता है. इस जनपद में सर्वाधिक खेती आलू की होती है. किसान की आर्थिक स्थिति भी आलू की फसल पर निर्भर करती है. यदि किसान के खेतों में आलू की पैदावार अच्छी होती है तो किसान खुशहाल होता है और अगर आलू की पैदावार अगर कम होती है तो किसान को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ता है. फर्रुखाबाद में एक कहावत भी प्रचलित है कि आलू का दाम अगर अच्छा मिलेगा तो किसान की बेटी के हाथ पीले होंगे. फर्रुखाबाद में आलू की अलग-अलग प्रजाति की फसलें होती हैं.