ABC NEWS: टोक्यो ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट कर रहे पहलवानों के सपोर्ट में उतरे हैं. उन्होंने कहा है कि एथलीट्स को इस तरह सड़कों पर न्याय की मांग करते हुए देखना दुख की बात है. बता दें, दिल्ली के जंतर मंतर पर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ एक बार फिर नामी पहलवान धरने पर पर बैठ गए हैं. धरनाप्रदर्शन में शामिल बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जैसे पहवानों ने बृज भूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.
— Neeraj Chopra (@Neeraj_chopra1) April 28, 2023
इन पहलवानों के सपोर्ट में नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार सुबह ट्वीट करते हुए लिखा ‘हमारे एथलीटों को न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर देखकर मुझे दुख होता है. उन्होंने हमारे महान राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने और हमें गौरवान्वित करने के लिए कड़ी मेहनत की है. एक राष्ट्र के रूप में, हम अखंडता की रक्षा और प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा के लिए जिम्मेदार हैं चाहे वह एथलीट हो या नहीं.’
उन्होंने आगे कहा ‘जो हो रहा है वह कभी नहीं होना चाहिए. यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इससे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटा जाना चाहिए. न्याय सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.’
बता दें, गुरुवार को इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष ऊषा ने कहा था कि पहलवानों को विरोध प्रदर्शन दोबारा शुरू करने के बजाए IOA के पास आना चाहिए था. उन्होंने कहा था, ‘हमारा मानना है कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए IOA में समिति और एथलीट्स कमिशन है. सड़कों पर जाने के बजाए उन्हें हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन वे IOA के पास नहीं आए.’
इस बयान के बाद वह पहलवानों के नीशाने पर आ गईं. उनके इस बयान के बाद बजरंग पुनिया ने कहा था कि मुझे जब पीटी ऊषा मैम की टिप्पणी के बारे में पता चला तो दुख हुआ, क्योंकि हम उन्हें अच्छा एथलीट मानते हैं. वह महिला होते हुए महिलाओं का दर्द नहीं समझ रही हैं. बीते तीन महीनों से हम न्याय का इंतजार कर रहे हैं और अब वे इसे अनुशासनहीनता बता रहे हैं. मुझे लगता है कि महिला होने के बाद भी वह एथलीट्स का दुख नहीं समझ रही हैं। मुझे दुख है.