ABC NEWS: कानपुर के बिल्हौर के मकनपुर में इलियापुर गांव में मिठाई दुकानदार मनोज हलवाई की 35 वर्षीय पत्नी रागिनी ने तीन वर्षीय बेटी अंशी और पांच माह की बेटी प्रियांशी को दूध में जहरीला पदार्थ मिलाकर पिलाने के बाद खुद जहर खाकर आत्महत्या की थी. उस समय परिवार के लोग गणेश महोत्सव में गए थे और जब पति बच्चों को ले जाने घर आया तो घटना की जानकारी हुई. रविवार रात हुई घटना का कारण स्पष्ट नहीं है.
एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह के मुताबिक प्राथमिक छानबीन में बेटियों को जहर मिला दूध पिलाकर हत्या करने के बाद महिला के आत्महत्या करने की बात सामने आ रही है. घटना के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। स्वजन से पूछताछ की जा रही है. मायके पक्ष ने भी कोई आरोप नहीं लगाए हैं. बोतल में मिले दूध के नमूने लिए गए हैं। जांच के लिए भेजा जाएगा. पोस्टमार्टम के बाद स्थिति स्पष्ट होगी.
बिल्हौर कोतवाली की मकनपुर चौकी क्षेत्र स्थित इलियासपुर गांव में रहने वाले मनोज की मकनपुर में मिठाई की दुकान है. उसके परिवार में बुजुर्ग मां माधुरी देवी, भाभी मोनी, उनके दो बच्चे 12 वर्षीय नैतिक और आठ वर्षीय बेटी उन्नति है. मां ग्राउंड फ्लोर पर रहती हैं जबकि बड़े भाई मनी का परिवार पहली मंजिल पर रहता है. मनोज दूसरी मंजिल पर पत्नी और बच्चों संग रहता था.
मनोज के मुताबिक घर से 50 मीटर दूरी पर स्थित खैरापति मंदिर में गणेश महोत्सव का आयोजन कराया था. जिसमें शामिल होने के लिए वह गया था। भाभी मोनी भी दोनों बच्चों को लेकर कुछ देर बाद पहुंची थीं. मां को कानों से सुनाई नहीं देता और वह घर पर ही थीं। मनोज अपनी बेटियों को महोत्सव में लाने के लिए पत्नी को फोन कर रहा था. चार-पांच बार फोन मिलाने के बाद भी जब फोन नहीं उठा तो उसने अपने साथी से माइक पर उद्घोषणा करने के लिए कहा, लेकिन वह घर आया तो कमरे का दरवाजा बंद मिला.
उसने आसपास के लोगों को बुला दरवाजे की कुंडी तोड़ी तो अंदर का नजारा देखकर होश उड़ गए. बेड पर पत्नी और दोनों बच्चों के शव पड़े थे। सूचना पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने थाना प्रभारी और क्षेत्राधिकारी बिल्हौर राजेश सिंह को मामले की जानकारी दी. फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पहुंचकर साक्ष्य जुटाए हैं. नहीं थी कोई परेशानी: रागिनी के पिता के मुताबिक शादी के चार साल बीत चुके थे। इतने साल में कभी भी किसी बात को लेकर बेटी और दामाद में अनबन नहीं हुई थी. न ही बेटी को किसी तरह की कोई परेशानी थी. फिर उसने इतना बड़ा कदम कैसे उठाया वह उनके भी समझ में नहीं आ रहा है.