ABC NEWS: मई 2023 का पहला सप्ताह सोमवार को 1 तारीख से शुरू हो रहा है. नया सप्ताह 30 अप्रैल से 6 मई तक है. इसमें अप्रैल का अंतिम दिन और मई के शुरूआती 6 दिन शामिल हैं. इस सप्ताह में मोहिनी एकादशी व्रत, बुध प्रदोष, वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा जैसे व्रत और त्योहार हैं. इस सप्ताह में साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है और हिंदू कैलेंडर का तीसरा माह ज्येष्ठ का प्रारंभ होगा. ज्येष्ठ माह में जल की पूजा करते हैं क्योंकि इसमें सूर्य की प्रचंड गर्मी होती है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि मई के प्रथम सप्ताह के व्रत और त्योहार कब हैं और इनका महत्व क्या है?
मई 2023 पहले सप्ताह के व्रत और त्योहार
01 मई, दिन: सोमवार: मोहिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी 2023: इस साल मोहिनी एकादशी 1 मई को है. इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की कथा सुनते हैं. मोहिनी एकादशी व्रत करने से पाप मिटते हैं और मोक्ष मिलता है. भगवान विष्णु ने असुरों से अमृत कलश को लेने के लिए अपना मोहिनी अवतार लिया था. वैशाख के शुक्ल पक्ष की एकादशी को यह व्रत रखते हैं.
03 मई, दिन:बुधवार: बुध प्रदोष व्रत
बुध प्रदोष व्रत 2023: इस साल वैशाख का अंतिम प्रदोष व्रत 3 मई को है. यह बुध प्रदोष व्रत है. इस दिन शाम को 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 22 मिनट के बीच शुभ मुहूर्त में शिव पूजा की जाएगी. प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा शाम के समय में होती है.
05 मई, दिन:शुक्रवार: साल का पहला चंद्र ग्रहण, बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा
चंद्र ग्रहण 2023: साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लगेगा. चंद्र ग्रहण का समय रात 08:45 बजे से लेकर देर रात 01:00 बजे तक है. इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल नहीं होगा.
वैशाख पूर्णिमा 2023: इस साल वैशाख पूर्णिमा 5 मई को है. इस दिन प्रात:काल में वैशाख पूर्णिमा का स्नान और दान होगा. इस दिन ही वैशाख पूर्णिमा का व्रत भी रखेंगे. इस दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है, ग्रहण से पूर्व ही चंद्रमा की पूजा कर सकते हैं. वैशाख पूर्णिमा को माता लक्ष्मी और सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं. इससे घर में सुख और समृद्धि आती है. सत्यनारायण भगवान को श्रीहरि विष्णु का ही रूप माना जाता है. पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते हैं.
बुद्ध पूर्णिमा 2023: हर साल वैशाख पूर्णिमा तिथि पर बुद्ध पूर्णिमा मनाते हैं. बौद्ध धर्म के लोगों के लिए बुद्ध पूर्णिमा एक बड़ा पर्व है. बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म बुद्ध पूर्णिमा को ही हुआ था. इस वजह से बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती भी कहा जाता है. इस तिथि का भगवान बुद्ध के जीवन में बड़ा महत्व है. बुद्ध पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.
06 मई, दिन: शनिवार: ज्येष्ठ माह का शुभारंभ
ज्येष्ठ माह का महत्व: इस साल ज्येष्ठ माह का प्रारंभ 6 मई शनिवार से हो रहा है. यह हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना है. ज्येष्ठ माह में ही भगवान राम की हनुमान जी से मुलाकात हुई थी, इसलिए ज्येष्ठ में हनुमान जी की पूजा का महत्व है. ज्येष्ठ के हर मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा करते हैं. इस माह में जल की भी पूजा होती है. दो बड़े व्रत गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी ज्येष्ठ माह में ही आते हैं. गंगा दशहरा को माता गंगा की पूजा करते हैं, इस दिन गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था.