ABC News: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भाजपा और समाजवादी पार्टी पर एक साथ हमला बोला है. बसपा सुप्रीमों ने भाजपा को घोर जातिवादी, साम्प्रदायिक व जनहित-विरोधी पार्टी करार दिया. इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि यूपी की सेक्युलर शक्तियों ने सपा को वोट देकर प्रमुख विपक्षी पार्टी तो बनाया पर वो भाजपा के सामने हर कदम पर विफल साबित हो रही है.
2. यही कारण है कि भाजपा सरकार को यूपी की करोड़ों जनता के हित व कल्याण के विरुद्ध पूरी तरह से निरंकुश व जनविरोधी सोच व कार्यशैली के साथ काम करने की छूट मिली हुई है। विधान सभा में भी भारी संख्या बल होने के बावजूद सरकार के विरुद्ध सपा काफी लाचार व कमजोर दिखती है, अति-चिन्तनीय। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) September 21, 2022
बसपा मायावती ने सुप्रीमों ने भाजपा और सपा पर हमलावर होते हुए कहा कि, ‘भाजपा की घोर जातिवादी, साम्प्रदायिक व जनहित-विरोधी नीतियों आदि के विरुद्ध उत्तर प्रदेश की सेक्युलर शक्तियों ने सपा को वोट देकर यहां प्रमुख विपक्षी पार्टी तो बना दिया, किन्तु यह पार्टी भाजपा को कड़ी टक्कर देने में विफल साबित होती हुई साफ दिख रही है, क्यों? बसपा प्रमुख ने कहा कि, ‘यही कारण है कि भाजपा सरकार को यूपी की करोड़ों जनता के हित व कल्याण के विरुद्ध पूरी तरह से निरंकुश व जनविरोधी सोच व कार्यशैली के साथ काम करने की छूट मिली हुई है. विधान सभा में भी भारी संख्या बल होने के बावजूद सरकार के विरुद्ध सपा काफी लाचार व कमजोर दिखती है, अति-चिन्तनीय’. इससे पूर्व मायावती ने कहा था कि, ‘यूपी विधानसभा मानसून सत्र से पहले भाजपा का दावा कि प्रतिपक्ष यहां बेरोजगार है, यह इनकी अहंकारी सोच व गैर-जिम्मेदाराना रवैये को उजागर करता है. सरकार की सोच जनहित व जनकल्याण के प्रति ईमानदारी एवं वफादारी साबित करने की होनी चाहिए, न कि प्रतिपक्ष के विरुद्ध द्वेषपूर्ण रवैये की.’ मायावती ने कहा था कि, ‘यूपी सरकार अगर प्रदेश के समुचित विकास व जनहित के प्रति चिन्तित व गंभीर होती तो उनका यह विपक्ष-विरोधी बयान नहीं आता, बल्कि वे बताते कि जबर्दस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, गड्डायुक्त सड़क, बदतर शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था में नजर आने वाला सुधार किया है व पलायन भी रोका है।’बता दें कि मायावती पहले भी सपा पर भाजपा के साथ मिलभगत का आरोप लगा चुकी हैं. मायवती ने यूपी की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए मंगलवार को कहा था कि विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों और निरंकुशता के खिलाफ धरना प्रदर्शन की इजाजत न देना नई तानाशाही प्रवृत्ति है.