ABC NEWS: बिहार में राजनीतिक संकट जारी है. सूत्रों के मुताबिक JDU और राजद दोनों में ही हलचल की स्थिति है. अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि बिहार में सरकार स्थिर है या गिरने वाली है. नीतीश, लालू-तेजस्वी का साथ छोड़कर एक बार फिर NDA में जाने वाले हैं. वहीं हर दल अपनी ओर से जोड़-तोड़ में लग गया है. इसी बीच बड़ खबर जीतन राम मांझी की पार्टी HAM से आई है.
HAM की विधायक दल की बैठक खत्म
मांझी की पार्टी HAM ने शनिवार को विधायक दल की बैठक की. बैठक खत्म होने के बाद सामने आया कि वह NDA के साथ ही हैं. मांझी की ओर से दो टूक कहा गया है कि जहां पीएम मोदी, वहां HAM. उनके इस कथन से जहां तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है तो वहीं, राहुल गांधी के लिए भी ये करारे झटके वाली बात है. बिहार में पल-पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं. इसी बीच सामने आया था कि, सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और HAM के मुखिया जीतन राम मांझी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फोन पर बात की है. राहुल ने जीतन राम को इंडिया गठबंधन में आने का न्योता दिया है. सूत्रों की मानें तो भूपेश बघेल मांझी से मुलाकात कर सकते हैं.
जीतन राम मांझी क्यों अहम?
जीतन राम मांझी के लिए कहा जा रहा था कि वह आरजेडी की नैया पार लगाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, साथ ही वह एनडीए के लिए भी बेहद अहम हैं. क्योंकि जीतनराम की पार्टी HAM के 4 विधायक हैं, अगर आरजेडी उन्हें अपने पाले में ले लेती है, तो महागठबंधन 118 सीटों का आकंड़ा छू लेगा. इसमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक भी शामिल हैं.अगर AIMIM का एक और एक निर्दलीय विधायक भी महागठबंधन के साथ जाते हैं तो ये आंकड़ा 120 तक पहुंच जाएगा. हालांकि सरकार बनाने के लिए 2 विधायकों की जरूरत तब भी पड़ेगी.
हालांकि जीतनराम मांझी ने बिहार के सियासी संकट पर कहा था कि राजनीति में कोई किसी का दोस्त नहीं है और कोई किसी का परमानेंट दुश्मन नहीं होता है. वहीं, बीजेपी के सहयोगी और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने दावा किया है कि बिहार सरकार एक-दो दिन में गिर सकती है.