ABC NEWS: पुलिस और प्रशासन की ओर से सख्ती के दावे के बावजूद फर्जी डिग्री, फर्जी सर्टिफिकेट का गोरखधंधा रुक नहीं रहा. गोरखपुर पुलिस ने एक शख्स को फार्मेसी में डिप्लोमा के फर्जी सर्टिफिकेट बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पकड़े गए व्यक्ति पर डी-फार्मा कोर्स में प्रवेश के नाम पर एक छात्र से ढाई लाख रुपये लेने और फिर फर्जी सर्टिफिकेट थमा देने का आरोप है.
गोरखपुर के पुलिस अधीक्षक शहर (एसपी सिटी) कृष्ण कुमार ने मामले का खुलासा किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गोरखपुर के एसपी सिटी ने बताया कि संदीप श्रीवास्तव नामक छात्र डी फार्मा कोर्स में दाखिला लेना चाहता था. उसने इसके लिए आशीष पुरी नाम के व्यक्ति से संपर्क किया जो कुछ साल पहले एक कंसल्टेंसी चलाता था.
गोरखपुर के एसपी सिटी के मुताबिक आशीष पुरी ने छात्र को डी फार्मा कोर्स में प्रवेश दिलाने का भरोसा दिलाया और उससे शुल्क के रूप में ढाई लाख रुपये भी ले लिए. आशीष पुरी ने छात्र को ये बताया कि कोरोना महामारी के कारण कक्षाएं संचालित नहीं हो रही हैं. उसे क्लास करने की जरूरत नहीं है. उसको मार्कशीट और सर्टिफिकेट मिल जाएगा.
आशीष पुरी की ओर से किए गए वादे के मुताबिक छात्र को सर्टिफिकेट और मार्कशीट मिल भी गई लेकिन फर्जी. छात्र को मध्य प्रदेश के सागर स्थित स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय की ओर से जारी सर्टिफिकेट दिया गया था. इस संबंध में जब स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय से जानकारी ली गई तो सर्टिफिकेट फर्जी होने का खुलासा हुआ.
छात्र संदीप श्रीवास्तव ने सर्टिफिकेट फर्जी होने का खुलासा होने पर आशीष पुरी से संपर्क कर धोखाधड़ी की शिकायत की. शिकायतकर्ता के मुताबिक आशीष पुरी और उसके भाई से सर्टिफिकेट फर्जी होने का हवाला देकर अपने पैसे वापस करने की मांग की तो आरोपियों ने इससे इनकार कर दिया. छात्र का आरोप है कि आशीष पुरी और उसके भाई ने उसे जान से मारने की धमकी दी.
छात्र की शिकायत पर पुलिस ने इस साल 30 अप्रैल को ही केस दर्ज कर लिया था. पुलिस ने अब आरोपी आशीष पुरी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अधीक्षक शहर ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है. आरोप सही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.