अविश्वास प्रस्ताव पर लोस में बहस: प्रधानमंत्री के लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है, बोले राहुल गांधी

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ABC NEWS: कांग्रेस द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार से ही चर्चा शुरू हो गई है. आज राहुल गांधी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मणिपुर को हिंदुस्तान नहीं मानते हैं. आपने इसे बांट दिया है. उन्होंने कहा कि मणिपु में महिलाओं और बच्चों से बात की. मैं मणिपुर गया लेकिन प्रधानमंत्री नहीं गए. आज चर्चा का दूसरा दिन है. गुरुवार को चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी भी जवाब दे सकते हैं.

कोई कहता है यह धर्म है, यह सोना है चांदी है. यह जमीन है लेकिन भाइयों और बहनों सच्चाई है कि यह देश एक आवाज है. यह देश के लेगों को दुख है , दर्द है और कठिनाई है. अगर हमें यह आवाज सुननी हैतो हमारे दिल में जो अहंकार हैं, जो हमारे सपने हैं उन्हें परे करना पड़ेगा. जब हमें अपने सपनों को दूर करते हैं तबहमें हिंदुस्तान की आवाज सुनाई देती है. आप कहेंगे कि अविश्वास प्रस्ताव में यह बात क्यों कही. इसका क्या मतलब है। क्योंकि भाइयों और बहनों भारत एक आवाज है. भारत इस देश के सब लोगों की आवाज है. और अगर हम उसे सुनना चाहते हैं तो हमें अहंकार और नफरत को मिटाना पड़ेगा.

राहुल गांधी ने बताई किसान वाली बात

राहुल गांधी ने कहा, एक किसान आया और हाथ में उंगली पकड़ी और मेरी आंख मे ंदेखकर उसने रूई का बंडल दिया और कहा कि राहुल जी यही बचा है मेरे खेत का. और कुछ बचा नहीं है. मैंने उससे पूछा कि आपको ये वाला पैसा मिला. किसान ने कहा, नहीं राहुल जी मुझे बीमा का पैसा नहीं मिला. हिंदुस्तान के बड़े उद्योगपतियों ने मुझसे छीन लिया. मगर इस बार बड़ी अजीब सी बात हुई. किसान के दिल में जो दर्द था, वह दिखा. उसकी भूख मुझे समझ आई. उसके बाद यात्रा बिल्कुल बदल गई. मुझे भीड़ की आवाज नहीं सुना ई देती थी मुझे सिर्फ उस व्यक्ति की आवाज सुनाई देती थी जो मेरे साथ अपना दुख बांटता था. उसकी चोट मेरा दर्द बन गई.

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दर्द, बोले राहुल गांधी

यात्रा के दौरान बहुत से लोगों ने मेरे से पूछा कि आप कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा क्यों कर रहे हो, शुरू में मुझे भी जवाब मालूम नहीं था. लेकिन, थोड़े दिनों में मुझे बात समझ में आने लगी. सालों से मैं 8-10 किलोमीटर दौड़ता हूं तो मुझे लगा कि 25 किलोमीटर चलना मेरे लिए कोई मुश्किल नहीं है. ये मेरे अंदर अहंकार था, लेकिन भारत अहंकार को तुरंत मिटा देता है. पहले दो-तीन दिनों में ही घुटने के दर्द से मेरा अहंकार खत्म हो गया. जो हिन्दुस्तान को अहंकार से देखने निकला था, उसे रोज लगने लगा कि मैं कल चल पाऊंगा कि नहीं. हिंदुस्तान को जो मैं अहंकार से देखने निकला था वह गायब हो गया. मैं रोज डर डरकर चलता था कि क्या मैं कल चल पाऊंगा. लाखों लोगों ने मेरे साथ शक्ति मिलाई. शुरुआत में किसान आता था और मैं उसको अपनी बात बता देता था.

एक दो कोड़े ही मारूंगा

जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं। इसलिए मैं दिमाग से नहीं, दिल से बोलना चाह रहा हूँ और मैं आज आप लोगों पर उतना आक्रमण नहीं करने जा रहा हूँ. एक-दो कोड़े जरूर मारूंगा, पर उतना नहीं मारूंगा. आपलोग आराम कर सकते हैं.

‘अडानी पर बोला तो आपको कष्ट हुआ’

राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछळी बार जब मैं बोला तो आपको कष्ट हुआ क्योंकि मैंन ेइतने जोर से अडानी जी पर बोला. आपके सीनियर नेता को कष्ट हुआ लेकिन आज आपको डरने की जरूरत नहीं.

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