ABC News: दिल्ली पुलिस ने महरौली थाना इलाके में करीब छह महीने पहले हुई एक हत्या के मामले को सुलझाने का दावा किया है. उसने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम आफताब है. उस पर श्रद्धा नाम की एक युवती की हत्या का आरोप है. दोनों लिव इन में रहते थे. पुलिस का कहना है कि आफताब ने श्रद्धा के शव के करीब 35 टुकड़े किए थे. उसने इन टुकड़ों को फ्रिज में रखा और 18 दिन तक तड़के उठकर वह उनको ठिकाने लगाते रहा.
Mehrauli Police solved a 6-month-old case&arrested one Aftab for killing one Shraddha,chopping her into pieces&disposing them of.They fell in love while working in Mumbai&came here after families’ opposition.He murdered her when she started forcing him for marriage: Delhi Police
— ANI (@ANI) November 14, 2022
आफताब और श्रद्धा की की दोस्ती मुंबई में एक कॉल सेंटर में काम करते के दौरान हुई थी. दोनों की यह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में तब्दील हो गई. इसके बाद परिवार का विरोध करने पर दोनों भागकर दिल्ली आ गए. श्रद्धा के परिवार वाले सोशल मीडिया के जरिए उसकी जानकारी लेते रहते थे. लेकिन जब सोशल मीडिया पर अपडेट आना बंद हो गया तब श्रद्धा के परिवार वालों को शक हुआ. इसके बाद लड़की के पिता दिल्ली पहुंचे. बेटी के नही मिलने पर दिल्ली पुलिस को शिकायत की. श्रद्धा के पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी मुंबई के कॉल सेंटर में काम करती थी. वहां उसकी मुलाकात आफताब नाम के एक शख्स से हुई. दोनों की दोस्ती काफी नजदीकी में तब्दील हो गई. दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे लेकिन परिवार वाले इस बात से खुश नहीं थे.
इसके चलते उन्होंने इसका विरोध किया. इसी विरोध के चलते उनकी बेटी और आफताब मुंबई छोड़कर दिल्ली आ गए और यहां पर छतरपुर इलाके में रहने लगे. दिल्ली पुलिस टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आफताब की तलाश में जुट गई. पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर आफताब को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आफताब ने बताया कि श्रद्धा उसपर लगातार शादी का दबाव बना रही थी. इसको लेकर उनके बीच में अक्सर झगड़ा होना शुरू हो गया. इसके बाद उसने मई में बेरहमी से उसकी हत्या कर दी. आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़े कर महरौली के जंगलों में फेंक दिया. पुलिस के मुताबिक आरोपी आफताब ने श्रद्धा के शव के करीब 35 टुकड़े किए थे. वह एक फ्रिज खरीद कर लाया और शव के टुकड़ों को उसमें रखा. आफताब करीब 18 दिन तक लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाता रहा. वह उन टुकड़ों को महरौली के जंगलों में फेंकता था. इसके लिए वह देर रात ही घर से निकलता था.