ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कानपुर को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने के लिए एक सितंबर से पूरे माह सघन कुष्ठ रोगी खोज एवं नियमित निगरानी अभियान चलाया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर संभावित कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित करेगी.
उनकी पहचान कर तत्काल उपचार पर रखा जाएगा. टीमें 695 गांव और 362 शहरी क्षेत्रों में जाएंगी. कुष्ठ रोग के बारे में समुदाय को जागरूक करेंगे. अभियान के तहत गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में चिकित्सा अधिकारियों, एनएमए, एनएमएस, हेल्थ एजुकेटर को प्रशिक्षण दिया गया.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने कहा कि कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है. मल्टी ड्रग थेरेपी से ठीक हो जाता है. समय पर इलाज न किया जाए, तो बीमारी बड़ा रूप भी ले सकती है. डीएलओ डॉ. महेश कुमार ने बताया कि कुष्ठ रोगी खोज व नियमित निगरानी अभियान एक से 30 सितंबर तक चलेगा.
शहरी क्षेत्र में 783 और ग्रामीण क्षेत्र में 567 टीम तैयार
यह अभियान उन ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में संचालित किया जाएगा, जहां पिछले तीन सालों में कुष्ठ के रोगी पाए गए हैं। 695 गांव और 362 शहरी क्षेत्र संवेदनशील हैं. अभियान के लिए शहरी क्षेत्र में 783 और ग्रामीण क्षेत्र में 567 टीम तैयार की गई हैं. एक टीम में एक आशा कार्यकर्ता और पुरुष कार्यकर्ता शामिल है.
• त्वचा के रंग मे कोई भी परिवर्तन (त्वचा पर लाल रंग या फीके रंग का धब्बा) साथ ही उसमें पूर्ण रूप से सुन्नपन अथवा सुन्नपन का अहसास होता है.
• चमकीली व तैलीय त्वचा.
• कर्ण पल्लव का मोटा होना कर्ण पल्लव पर गांठें/त्वचा पर गांठें.
• नेत्रों को बंद करने में दिक्कत या उससे पानी आना.
• भौहों का खत्म होना.
• हाथों में घाव या दर्द रहित घाव अथवा हथेली पर छाले.
• कमीज या जैकेट के बटन बंद करने में असमर्थता।
• हाथ या पैर की उंगलियां मुड़ तो नहीं गई है.
• फुट ड्रॉप अथवा चलते समय पैर घिसटते तो नहीं हैं.