ABC NEWS: कानपुर में तेंदुए की दहशत बरकरार है. गुरुवार-शुक्रवार की रात तेंदुआ आईआईटी गर्ल्स हॉस्टल के बाद दिखने के बाद से फिर गायब हो गया है. बीते 24 घंटे से वन विभाग की टीम को तेंदुए की कोई हरकत रिकॉर्ड नहीं की है. कॉम्बिंग में भी टीमों को कुछ हासिल नहीं हुआ है.
IIT कैंपस में बढ़ाई गई सतर्कता
डीएफओ श्रद्धा यादव ने बताया कि IIT कैंपस के आसपास बने घने जंगलों में 2 पिंजड़े लगवा दिए गए हैं. तेंदुए को आकर्षित करने के लिए तेंदुए के यूरिन को भी पिंजड़ों के आसपास डाला गया है. बावजूद इसके तेंदुआ पकड़ से दूर है. नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट यानि NSI में भी एक पिंजड़ा लगाया गया है.
तेंदुए की हमले की उड़ी अफवाह
शुक्रवार देर रात नौरैयाखेड़ा में एक महिला ने तेंदुए की हमले की पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची लेकिन सूचना पूरी तरह से फर्जी पाई गई. अर्मापुर पुलिस ने बताया कि साइकिल सवार 2 युवकों का झगड़ा हो गया था. झगड़े में एक युवक ने दूसरे को झाड़ियों की तरफ खींचकर मारना शुरू कर दिया. महिला ने अंधेरा होने की वजह से तेंदुआ समझा और पुलिस को सूचना दे दी.
10 दिन बाद तेंदुआ फिर लौटा
तेंदुए के दोबारा लौटने की खबर से IIT और NSI कैंपस में दहशत का माहौल बना हुआ है. आखिरी बार तेंदुआ 15 नवंबर को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में देखा गया था. करीब 1 महीने से कानपुर में तेंदुआ दहशत का पर्याय बना हुआ है. 10 दिन बाद तेंदुआ आईआईटी में फिर दिखना शुरू हो गया है.
वन विभाग ने बदली स्ट्रेटजी
डीएफओ श्रद्धा यादव ने बताया कि इस बार जहां पिंजड़े लगाए गए हैं, वहां कॉम्बिंग बिल्कुल भी नहीं की जा रही है. सुरक्षा की दृष्टि से टीमों को जंगल के बाहर ही तैनात किया गया है. तेंदुए के लिए पिंजड़ों में मांस रखा गया है. तेंदुआ दिन में बिल्कुल भी नहीं निकलता है, रात में ही वो मूवमेंट करता है. इसलिए रात में सतर्क निगाह रखी जा रही है.