ABC NEWS: राजधानी लखनऊ में बुधवार को कोर्ट में माफिया संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमलावर विजय यादव वकील के भेष में पहुंचा था. जब तक कोई कुछ समझ पाता, उसने 6 गोलियां दाग दीं. इससे जीवा की मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना के बाद बुधवार को ही लखनऊ में वकीलों ने हत्यारोपी को पुलिस की सुरक्षा के बीच जमकर पीटा था. भारी सुरक्षा के बीच ले जाए जा रहे आरोपी की पिटाई का वीडियो भी सामने आया है. इसमें कई वकील उसको पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं.
Jeeva’s killer Vijay Yadav was thrashed by the people, yesterday the lawyers had beaten him up in the court premises, #viralvideo #Lucknow pic.twitter.com/9QU5NKR2nE
— Akshara (@Akshara117) June 8, 2023
जीवा की हत्या के दौरान कोर्ट में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी वकील ने बताया था कि कोर्ट में भीड़ थी. संजीव माहेश्वरी जीवा सुनवाई का इंतजार कर रहा था. तभी एक शूटर आया और उस पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. मौके पर मौजूद एक महिला की गोद में बच्ची थी. इस दौरान मासूम के पीठ पर गोली लगी है, जो पेट से निकल गई.
‘हम जीवा को मारने आए थे और मार दिया’
वहीं, महिला के अंगूठे में गोली लगी. इस दौरान एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि संजीव जान बचाने के लिए अंदर भागा और वह 10 से 15 मिनट तक बेसुध पड़ा रहा. शूटर कह रहा था कि हम जीवा को मारने आए थे और मार दिया.
विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट की कोर्ट में की हत्या
बता दें कि शूटर विजय यादव जौनपुर का रहने वाला है. उसने इस सनसनीखेज वारदात को विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट की कोर्ट में अंजाम दिया. वहीं, संजीव जीवा पर बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप था, जिन्होंने कभी मायावती की गेस्ट हाउस कांड में जान बचाई थी.
जीवा पर जेल से गैंग चलाने और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप था. पिछले कुछ सालों से वो अपनी पत्नी को राजनीति में स्थापित करने की कोशिश कर रहा था. उसकी पत्नी पायल माहेश्वरी ने 2017 का विधानसभा चुनाव सदर सीट से रालोद में शामिल होकर लड़ा था.
90 के दशक में जुर्म की दुनिया में रखा कदम
संजीव जीवा इस समय लखनऊ जेल में बंद था. 90 के दशक में संजीव माहेश्वरी ने अपना खौफ पैदा करना शुरू किया, फिर धीरे-धीरे वह पुलिस और आम लोगों के लिए सिरदर्द बन गए. शुरुआती दिनों में वह एक डिस्पेंसरी संचालक के यहां कंपाउंडर का काम करता था.
इसी नौकरी के दौरान जीवा ने अपने बॉस यानी डिस्पेंसरी के संचालक का अपहरण कर लिया था. इसके बाद से वह जुर्म की दुनिया में कदम बढ़ाता चला गया. बताते चलें कि इससे पहले प्रयागराज में पुलिस की मौजदूगी में तीन शूटर्स ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी.