कुशाग्र मर्डर केस: प्रेम संबंधों में हत्या या फिरौती के लिए मारा… पुलिस के खुलासे पर उठ रहे ये सवाल

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ABC NEWS: कानपुर में कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के 16 साल के बेटे कुशाग्र की हत्या के मामले में पुलिस के खुलासे पर सवाल उठ रहे हैं. खुद मृतक के परिजन भी पुलिस के दावे पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी प्रभात शुक्ला ने कबूला है कि उसे शक था कि कुशाग्र के ट्यूशन टीचर रचिता से प्रेम संबंध थे. इसी खुन्नस में उसने कुशाग्र की हत्या कर दी. रचिता प्रभात की गर्लफ्रेंड है. हालांकि, हालात और साक्ष्य पुलिस की इस थ्योरी पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

मालूम हो कि कुशाग्र सोमवार शाम कोचिंग सेंटर के लिए स्कूटी से निकला था. इसके बाद वो लापता हो गया था. परिजन जब उसकी खोजबीन कर रहे थे तभी उन्हें 30 लाख रुपये की फिरौती वाला लेटर मिला. ये लेटर इस तरह से लिखा गया था कि शक एक विशेष समुदाय के व्यक्ति पर जाए. पुलिस को इसकी खबर मिली तो महकमे में हड़कंप मच गया.

इस बीच कुशाग्र की बिल्डिंग के गार्ड ने जब एक अनजान शख्स की स्कूटी का नंबर बताया तो पुलिस जांच की दिशा ही बदल गई. दरअसल, ये स्कूटी रचिता की थी, जिस पर सवार होकर प्रभात और उसका साथी कुशाग्र के घर फिरौती वाला लेटर फेंकने गए थे. बस फिर क्या कुछ ही देर में पुलिस ने प्रभात, उसकी गर्लफ्रेंड रचिता और एक साथी को हिरासत में ले लिया. पूछताछ के बाद प्रभात की निशानदेही पर कुशाग्र की लाश बरामद हुई.

क्यों की गई कुशाग्र की हत्या? 
पुलिस की मानें तो मुख्य आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसकी प्रेमिका रचिता कई साल से कुशाग्र को ट्यूशन पढ़ाती थी. वह अक्सर कुशाग्र के घर जाती थी. ऐसे में वह रचिता पर शक करता था कि उसके और कुशाग्र के बीच संबंध है. ये उसे मंजूर नहीं था. इसी के चलते उसने उसने अपने दोस्त और रचिता के साथ मिलकर कुशाग्र को मारने की योजना बना डाली.

योजना के तहत उसने कोचिंग जाते वक्त कुशाग्र को रोक लिया और कोई वाहन न होने का बहाना बनाते हुए उसे अपने घर तक छोड़ने के लिए कहा. घर पहुंचते ही प्रभात ने योजना के तहत रस्सी से गला कसकर कुशाग्र की हत्या कर दी. हालांकि, पुलिस के इस दावे पर कुछ सवाल उठ रहे हैं…

शव देखकर नहीं यकीन होता कि प्रेम-प्रसंग में हत्या हुई 
क्योंकि आमतौर पर देखा गया है कि प्रेम प्रसंग जैसे मामलों में हत्यारा सामने वाले को शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता है. वो अपनी भड़ास निकालता है. मगर इस मामले में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला. बस कुशाग्र के दोनों हाथ बंधे थे और गले पर रस्सी थी. उसके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले. घटनास्थल पर संघर्ष जैसी स्थिति भी नहीं नजर आई.

कुशाग्र और उसकी टीचरसूत्रों के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुशाग्र की मौत रस्सी से गला घोटे जाने से होने हुई थी. गले पर खरोंच के निशान मिले हैं, जो शव को घसीटे जाने के कारण पड़े थे.

अगर फिरौती के लिए हत्या नहीं हुई तो नई कार लेने और शहर छोड़ने की प्लानिंग क्यों की?
बताया जा रहा है कि हत्यारोपी प्रभात और रचिता ने दिवाली से पहले हिमाचल प्रदेश जाने की तैयारी कर रखी थी. रचिता मूल रूप से हिमाचल की है. उसके माता-पिता नहीं हैं. वो अकेली कानपुर में रहती थी. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि फिरौती की रकम वसूलने के बाद रचिता और प्रभात यहां से फरार होने की तैयारी में थे. पैसा पास होगा तभी दोनों लंबे समय तक शहर से दूर रह सकेंगे.

इतना ही नहीं बेरोजगार प्रभात ने रचिता को नई कार दिलाने का भी वादा किया था. ऐसे में सवाल उठता है कि उसने कार खरीदने का वादा कैसे किया. कहीं न कहीं उसे फिरौती की रकम मिलने की उम्मीद थी.

इसके अलावा प्रभात ने कुशाग्र के घर फिरौती वाला लेटर फेंकने के बदले दोस्त को भी मोटी रकम देने का वादा किया था. रचिता ने प्रभात के साथ साझे में किस्तों पर स्कूटी ली थी. उस स्कूटी की किस्त भी का समय हो चुका था.

घटनास्थल पर रस्सी और रजाई-गद्दे का इंतजाम पहले से क्यों था? 
गौरतलब है कि जहां से पुलिस को कुशाग्र का शव बरामद हुआ है वहां नशीला पदार्थ, रस्सी और रजाई-गद्दे पड़े थे. ये सब इस बात की ओर इशारा करते हैं कि किडनैपिंग की प्लानिंग पहले से की गई थी.

साजिश के तहत ही प्रभात ने घर के पास ही एक कोठरीनुमा कमरे में कुशाग्र को बंधक बनाने और हत्या की तैयारी कर ली थी. कमरे में रजाई-गद्दा, रस्सी का इंतजाम भी कर लिया था. कुशाग्र को बेहोश करने के लिए नशीले पदार्थ की भी व्यवस्था की गई थी. आशंका है कि कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर उसे नशीला पदार्थ दिया गया था.

हत्याकांड से परिजनों के साथ लोगों में भी नाराजगी  
उधर, कुशाग्र हत्याकांड से परिजनों के साथ लोगों में भी नाराजगी है. बीते दिन पोस्टमार्टम में देरी को लेकर लोगों ने स्थानीय थाने का घेराव किया था. लोगों ने पुलिस को खरी-खोटी सुनाई थी. वहीं, रात में कैंडल मार्च निकाला गया. मामले में सपा विधायक अमिताभ पांडे ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.

फिलहाल, पूरा घटनाक्रम देखने के बाद इस अपहरण, फिरौती और हत्या की वारदात के पीछे क्या वजह हो सकती है उसपर तरह-तरह के सवाल किए जा रहे हैं. लेकिन सच्चाई क्या है ये तो पुलिस ही बता पाएगी.

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