ABC News: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की देर रात को तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने मौके पर ही फायरिंग करने वाले तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है. हत्या करने वाले युवकों का नाम अरुण मौर्य, नवीन तिवारी और शनी सिंह है. अतीक अहमद और अशरफ पर गोलियां बरसाने वाले शनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा- “यह कुछ नहीं करता था और इसके ऊपर पहले से भी मामले दर्ज़ हैं. हम लोग 3 भाई थे जिसमें से एक की मृत्यु हो गई. यह ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था.
यह कुछ नहीं करता था और इसके ऊपर पहले से भी मामले दर्ज़ हैं। हम लोग 3 भाई थे जिसमें से एक की मृत्यु हो गई। यह ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था। हम उससे अलग रहते हैं और बचपन में ही भाग गया था: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोली मारने वाले… pic.twitter.com/nWbsLahxEo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2023
हम उससे अलग रहते हैं और बचपन में ही भाग गया था.” माफिया अतीक व अशरफ को गोलियों से छलनी करने वाला हिस्ट्रीशीटर शनि सिंह (33) उर्फ पुराने ठाकुर हमीरपुर के कुरारा कस्बे का निवासी है. शनि सिंह के पिता की मौत के बाद कोई देखभाल करने वाला न होने के कारण व बड़े भाई मंगल सिंह के आपराधिक कार्यों में शामिल हो गया. इसके बाद 16 वर्ष की उम्र से ही ट्रक लूट समेत अन्य अपराध किए. इसके बाद पूर्ण रूप से अपराधी बन गया. महंगे शौक व अपना नाम कमाने की ठान चुका शनि थानाक्षेत्र में वसूली व लूट जैसे अपराधों को अंजाम देने लगा. जिसकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस द्वारा उसकी हिस्ट्रीशीट भी खोली गई. सनी के खिलाफ थाने में 14 मुकदमें दर्ज हैं. जिनमें जेल जाने के बाद वहां से छूटकर वह फिर घर नहीं पहुंचा. मौजूद समय में उसका केवल एक भाई पिंटू घर पर रहता है. जोकि चाय का होटल चलाता है. जबकि मां का पता नहीं है. वहीं भाई मंगल सिंह की भी मौत हो चुकी है. अतीक और अशरफ की मौत के बाद हाई अलर्ट कर दिया गया. इसके बाद शहर समेत पूरे जिले में पुलिस वाहनों की चेकिंग में जुटी रही. वहीं खबर आई कि इसमें एक युवक शनि हमीरपुर का शामिल है. जिसको लेकर पुलिस सनी के पते की तलाश में जुटी रही. कोरोना काल से पहले हमीरपुर जेल में बंद सुंदर भाटी के संपर्क में आया. इसके बाद उसके अपराध और बढ़ गए. सन 2016 में थाने के गेट पर फायर झोंक दिया था. जिसके बाद से फरार हो गया. वहीं भाई पिंटू ने बताया कि वह मेरठ जाने की बात कर चलाया गया और कई वर्षों से नहीं आया है.