ABC News: कौवे का नाम आते ही हमारे जेहन में काला रंग ही नजर आता है लेकिन कानपुर के भीतरगांव में इस समय एक सफेद रंग का कौवा लोगों के कौतुहल का विषय बना हुआ है. कौवों के झुंड में सफेद रंग के इस कौवे को देखने के लिए लोग इंतजार भी करते रहते हैं.
बताया जा रहा है कि भीतरगांव इलाके के बैजूपुर गांव में गेंहू के खेत में कौवों के झुंड में एक कौवा सफेद रंग का दिखता है. गांव के लोग बताते हैं कि बुधवार सुबह कोहरे के बीच गेहूं के खेत में दाने चुगने के लिए कौवों के झुंड में एक कौवा सफेद रंग का है. बुजुर्गों का भी मानना है कि इस तरह का पक्षी क्षेत्र में पहले कभी दिखाई नहीं दिया है. ग्रामीणों का अनुमान है कि कुछ दूर में ही बरईगढ़ की ऐतिहासिक झील मौजूद है. यहां ठंड के चलते सैकड़ो की संख्या में पक्षी आए हुए हैं, तो हो सकता है कि पहाड़ी क्षेत्र से भटककर सफेद रंग वाला कौवा भी आ गया हो. घाटमपुर वन क्षेत्राधिकारी राकेश पांडेय के मुताविक व्हाइट क्रो ( सफेद कौवा ) दुर्लभ पक्षी है. इसका सफेद रंग एल्बिनिज्म की वजह से होता है. एल्बिनिज्म एक तरह की आनुवांशिक बीमारी है. इसमें पूरा शरीर सफेद ही रहता है. यह प्रक्रिया इंसानों सहित सभी स्तन प्राणियों में होती है. यह बीमारी मेलानिन हार्मोन में गड़बड़ी की वजह से होती है. इस बीमारी में धीरे-धीरे हमारी त्वचा का रंग बदलकर सफेद हो जाता है. इसे सफेद दाग वाली बीमारी भी कहते हैं.