ABC News: अक्टूबर के मौसम में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पांडु नदी की वजह से कानपुर साउथ में बाढ़ आ गई है. वहीं गंगा में भी अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. शुक्रवार सुबह गंगा चेतावनी बिंदु 113 मीटर तक पहुंच गईं. वहीं शुक्लागंज में चेतावनी बिंदु 112 मीटर को गंगा ने पार कर लिया.
शुक्लागंज के कटरी समेत 12 क्षेत्रों में पानी घुसने लगा है. सिंचाई विभाग के मुताबिक गंगा का जलस्तर कल और बढ़ सकता है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन और डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स को अलर्ट पर रखा गया है. 24 घंटे गंगा के जलस्तर की निगरानी की जा रही . वहीं गंगा बैराज के सभी 30 गेटों को खोल दिया गया है. कानपुर बैराज से 2 लाख 33 हजार क्यूसेक पानी हर घंटे छोड़ा जा रहा है. ताकि बैराज बांध को कोई खतरा न हो. गंगा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से अटल घाट की 12 सीढ़ियां डूब गई हैं. पुलिस लगातार निगरानी कर रही है. गंगा किनारे बना नीचे का घाट पूरा गंगा में समां गया है. वहीं शुक्लागंज में चंपापुरवा, गगनीखेड़ा, कर्बला, हुसैन नगर, गोताखोर, मनोहर नगर, इंद्रा नगर, शक्ति नगर, रविदास नगर, श्रीनगर, ब्रह्मनगर, पीपरखेड़ा कटरी में पानी घुसना शुरू हो गया है. कानपुर साउथ में पांडु नदी की वजह से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं. बर्रा-8, वरुण विहार बस्ती, बिहारीपुरवा, फत्तेपुर और मेहरबान सिंह का पुरवा में बाढ़ का पानी घुस गया है. वरुण विहार बस्ती में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं. करीब 5 फीट तक पानी चढ़ गया है. वहीं बस्ती से लोगों को शिफ्ट करा दिया गया है. गंगा में जब बाढ़ आती है तो कानपुर में चैनपुरवा, देवनीपुरवा, घारमखेड़ा, गंगा रामपुर, लोधवा खेड़ा, प्रतापपुर हरी गांवों के लोगों को पलायन करना पड़ता है. बाढ़ को देखते हुए बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। जरूरत पड़ने पर वहां लोगों को रखा जाएगा.