ABC News : कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में 4 छात्राएं स्वाइन फ्लू यानी H1N1 वायरस की चपेट में आ गई हैं. इस पूरे मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. जिसके बाद एक तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है. जो शुक्रवार को कानपुर GSVM मेडिकल कॉलेज पहुंचकर सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है. जांच कमेटी में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, वाइस चांसलर केजीएमयू और मंडलायुक्त कानपुर को शामिल किया गया है.
शुक्रवार सुबह प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा और किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) डा. विपिन पुरी के साथ सबसे पहले एलएलआर अस्पताल (हैलट) इमरजेंसी स्थित आइसीयू में वेंटिलेटर पर भर्ती मेडिकल छात्रा समेत चार स्वाइन फ्लू पीड़ित छात्राओं से मिले और उनका हाल जाना. वहां से मेडिकल कालेज परिसर पहुंचे, जहां गंदगी देखकर नाराजगी जताई. कहा, आप डाक्टरों के रहते बच्चों को स्वाइन फ्लू और डेंगू फैलना गंभीर बात है. इस पर आप सभी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. प्रमुख सचिव और केजीएमयू कुलपति ने मेडिकल कालेज परिसर स्थित अंडर ग्रेजुएट गर्ल्स हास्टल के अंदर जाकर वहां की व्यवस्था भी देखी. छात्राओं ने हास्टल की वार्डन और परिसर प्रभारी द्वारा साफ सफाई न कराने की शिकायत भी की.
इस पर प्रमुख सचिव और कुलपति ने परिसर प्रभारी को साफ-सफाई न कराने पर फटकार लगाई. पूछा आप करते क्या हैं. इस पर परिसर प्रभारी डा.आनंद नारायण सिंह ने गंदगी, जलभराव और कूड़ा न उठाए जाने का ठीकरा नगर निगम पर फोड़ दिया. कहा दो करोड़ टैक्स देते हैं, लेकिन नगर निगम सफाई नहीं कराता है. इस पर नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. चंद्रशेखर ने एतराज जताया. कहा, मेडिकल कालेज के पास साफ-सफाई की पूरी टीम है, जिसमें दो सैनेट्री इंस्पेक्टर भी हैं. उसके बाद भी काम नहीं करना पड़ा रहे हैं. मेडिकल कालेज परिसर में घर घर कूड़ा उठाने की व्यवस्था की गई है, आउटसोर्स कंपनी भुगतान पर उठाती है. इस बीच, मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने बीच बचाव करते हुए समन्वय स्थापित करके कार्य करने का निर्देश दिया. फिर वहां से अधिकारियों का लाल लश्कर पोस्ट ग्रेजुएट गर्ल्स हास्टल गए. जहां गंदगी और जलभराव की स्थिति देखी. मेडिकल कॉलेज परिसर में गंदगी से बजबजा रहे नाले को भी देखा. प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा और केजीएमयू के कुलपति ने हैलट अस्पताल के आइसीयू में वेंटिलेटर पर भर्ती पाखी के पिता आशीष और मां मंजू श्रीवास्तव से मिले. उनसे कुछ देर बाद भी की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. बता दें कि केजीएमयू से कल आई रिपोर्ट में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा पाखी के बाद उसकी रूम मेट समेत गर्ल्स हॉस्टल की तीन और मेडिकल छात्राएं भी वायरस की चपेट में आई हैं. वहीं 1 छात्र में डेंगू की पुष्टि भी हुई है. KGMU की रिपोर्ट में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पैनडिमिक H1N1 की पुष्टि की गई है. पांच मेडिकल छात्राओं के ब्लड सैंपल भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट मिली है. इसमें एमबीबीएस थर्ड ईयर की छात्रा आकांक्षा (23), अरफा खान (20) पाखी की रूममेट प्रसून (22) में इंफ्लूएंजा ए वायरस (पैंडिमिक H1N1) की पुष्टि हुई है. इससे पहले वेंटीलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझ रही पाखी में भी स्वाइन फ्लू के इसी वायरस की पुष्टि हुई थी. आलम है कि एमबीबीएस थर्ड ईयर के कई स्टूडेंट घर चले गए हैं. पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में दहशत का माहौल है. वहीं पाखी की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है. वो अब भी कोमा में है और वेंटीलेटर सपोर्ट पर है.