ABC News: प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन लाइन डालने का काम करने वाले ठेकेदार की बुधवार की रात संदिग्ध हालातों में मौत हो गई. घरवालों का आरोप है कि शराब में जहर मिलाकर हत्या की गई है. पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस ने कांट्रेक्टर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है. मामले में एडिशनल डीसीपी ने जांच शुरू कराई है.
काकादेव के मतैया पुरवा निवासी सुशील कुमार अस्पतालों में ऑक्सीजन पाइप लाइन डालने का काम करते थे. पिछले डेढ़ साल से वह कांट्रेक्टर अभिषेक शुक्ला और ऋषि शुक्ला के निर्देशन में काम कर रहे थे और वर्तमान में लखनऊ के अपोलो अस्पताल में ऑक्सीजन पाइप लाइन डालने का काम चल रहा था. सुशील की पत्नी पिंकी देवी ने बताया कि 16 नवंबर की सुबह 7:00 बजे अभिषेक का फोन आया और पति को लखनऊ चलने के लिए कहा था. पति अपना सारा सामान लेकर लखनऊ चले गए और उन्होंने शाम तक आने के लिए कहा था. शाम 5:45 उन्होंने पति के मोबाइल पर फोन मिलाया लेकिन उससे संपर्क नहीं हो सका. उन्होंने बताया कि रात 10:30 बजे मोबाइल नंबर से कॉल आई और सुशील की हालत बेहद खराब होने की जानकारी देते हुए तुरंत एलएलआर अस्पताल पहुंचने को कहा गया. अस्पताल पहुंचने पर उन्हें पति की तलाश की लेकिन काफी देर तक कोई पता ही नहीं चला. बाद में इमरजेंसी रूम की एक टेबल पर पति का शव दिखाई पड़ा. आरोप है कि सुशील कुमार और अभिषेक का रुपयों का लेनदेन था, इसी वजह से पति को शराब में जहर देकर मार दिया गया है. पुलिस ने अभिषेक को हिरासत में लेकर पूछताछ की है. उसने बताया कि सुशील ने काफी शराब पी हुई थी और रास्ते में दो-तीन उल्टियां होने पर उसकी हालत बिगड़ी तो उसे वापस एलएलआर अस्पताल लाकर भर्ती कराया. यहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. सूचना पर एडिशनल डीसीपी अमिता सिंह ने काकादेव थाने पहुंचकर पीड़ित परिवार व आरोपी से पूछताछ की है. सुशील की पत्नी पिंकी देवी को जैसे ही पति की मृत्यु की सूचना मिली वह बेसुध हो गई पुलिस से पूछताछ के दौरान उसने आरोप लगाया कि लेनदेन के विवाद में उनके पति की हत्या की गई है. पिंकी ने बताया कि उसके एक 9 साल की दिव्यांग बेटी आरोही 5 साल का बेटा आयुष और 1 साल की छोटी सी बच्ची आनवी है. दिव्यांग बेटी उठ भी नहीं सकती ऐसे में पति की मौत के बाद परिवार कैसे चलेगा. एडिशनल डीसीपी सेंट्रल जोन अमिता सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. पीड़ित परिवार से तहरीर देने के लिए कहा गया है. तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जाएगी.