ABC News: कानपुर के हुक्काबार में डॉक्टर दंपती की नाबालिग बेटी से आरोपी विनय ठाकुर ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं. उसके होंठ, गाल, जांघों समेत शरीर पर आठ जगहों पर दांतों से काटा था, जिससे घायल हुई थी. छाती पर नाखून से नोचने के निशान मिले हैं. इसका खुलासा छात्रा की मेडिकल रिपोर्ट में हुआ है.
बर्रा के हुक्काबार में 3 मार्च को एक किशोरी से जरौली में रहने वाले विनय ठाकुर ने रेप किया था. इसके बाद उसे बर्रा थाने के हिस्ट्रीशीटर अजय ठाकुर, अमन सेंगर और उनके पांच दोस्तों को सौंप दिया. सभी ने सूनसान जगह पर किशोरी के साथ गैंगरेप का प्रयास किया. मामले में पुलिस ने रेप और मारपीट समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली. मुख्य आरोपी विनय और उसके साथी हुक्का बार संचालक को जेल भेज दिया गया है. वहीं, घटना के बाद से छात्रा अवसाद में है, जिसका परिजन इलाज करा रहे हैं. छात्रा की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद पुष्टि हो गई कि आरोपियों ने सिर्फ उसके साथ दुष्कर्म ही नहीं, बल्कि दरिंदगी भी की थी. मेडिकल रिपोर्ट में छात्रा की छाती पर नाखून से नोचने के निशान मिले हैं. CWC यानी बाल कल्याण समिति के सामने 2 दिन पहले लड़की पेश हुई. यहां उसकी काउंसिलिंग होनी थी।. इस दौरान मजिस्ट्रेट के सामने मेडिकल रिपोर्ट आई. इसमें लड़की के हाथ में काटने के निशान, गाल, गर्दन, जांघ और शरीर पर करीब एक दर्जन काटने व नोचने के निशान का जिक्र था.
रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट पार्ट पर भी जख्म थे. लड़की ने रेप का विरोध करने पर अजय पर मारपीट के आरोप लगाए थे. लड़की के चेहरे से लेकर शरीर पर मारपीट और खरोंच के निशान मिले. पूरे मामले में पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है. पुलिस ने शुरुआत में सिर्फ दुष्कर्म की धारा में रिपोर्ट दर्ज की थी. मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने इस मामले में गैंगरेप का प्रयास समेत अन्य धाराएं बढ़ाई थीं. दो लोगों को जेल भेजने के बाद फरार हिस्ट्रीशीटर अजय ठाकुर, अमन सेंगर व चार अज्ञात को अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. पीड़िता के परिजनों ने बर्रा पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताई है. उनका कहना है कि बर्रा थाना प्रभारी मानवेंद्र सिंह आरोपियों पर सख्ती से कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. फरार हिस्ट्रीशीटर अजय ठाकुर के परिजनों का पीड़िता के घर आकर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाने का आरोप लगाया.