ABC News: (रिपोर्ट: सुनील तिवारी) सरकारी गाड़ी हो तो चाहे जितनी गाड़ी दौड़ाई कोई पूछने वाला नहीं है. आमतौर पर सरकारी विभागों ऐसा ही माहौल देखा जाता है लेकिन नगर निगम में इस बार खेला हो गया. सरकारी गाड़ी में तय सीमा से ज्यादा घूमने पर नगर आयुक्त ने अपनी नजरें टेढ़ी कर दीं और नगर निगम के सात अफसरों से जवाब तलब कर लिया है. अफसरों को दिए गए नोटिस में नगर आयुक्त ने पूछ भी लिया है कि अतिरिक्त व्ययभार की कटौती क्यो न आपके वेतन से कर ली जाये.
दरअसल, नगर निगम में अनुबंध के आधार पर किराए में गाड़ियां चल रही हैं. इसके भुगतान की फाइल जब नगर आयुक्त शिवशरण अप्पा जीएन के सामने आयी, तो उसमें बड़ा खेल पकड़ा गया. नगर आयुक्त ने पाया कि अधिकारियों के पद के हिसाब से जो दूरी स्वीकृत है, उससे कहीं ज्यादा दूरी अधिकारियों ने वाहन से तय कर दी है. दूरी भी इतनी अधिक है कि नगर आयुक्त एक बारगी खुद हैरान रह गए. इसके बाद उन्होंने नगर निगम के सात अफसरों से जवाब तलब कर लिया है. आवश्यकता से अधिक वाहन का जिन अधिकारियों ने उपयोग किया है, उसमें मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संध्या रानी, सहायक नगर आयुक्त अनवर हुसैन, कर निर्धारण अधिकारी पुष्पा राठौर, राजेश गुप्ता अधिशाषी अभियंता अतुल पाण्डेय, नक्शा अधीक्षक मुकेश अग्निहोत्री और कर अधीक्षक साजिद अली शामिल हैं. नगर आयुक्त ने सभी को नोटिस जारी किया है. नगर आयुक्त ने भी माना है कि इन अफसरों ने सरकारी कार्य के अलावा निजी कार्य में भी वाहन का उपयोग किया है. इसे अत्यंत आपत्तिजनक और चिंतनीय मानते हुए नगर आयुक्त ने सभी अफसरों से तीन दिनों में जवाब मांगा है.
अधिकारी का नाम पदनाम स्वीकृत दूरी अधिक दूरी
अतुल पाण्डेय अधिशाषी अभियंता जोन-3 3000 658
पुष्पा राठौर जोनल अधिकारी जोन-4 1500 300
डॉ. संध्या रानी मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी 3000 407
अनवर हुसैन सहायक नगर आयुक्त 1500 1314
मुकेश अग्निहोत्री नक्शा अधीक्षक 1500 829
राजेश गुप्ता जोनल अधिकारी जोन-1 1500 567
साजिद अली कर अधीक्षक जोन-1 1500 110
नोट: स्वीकृत और उसके सापेक्ष अधिक दूरी किमी. में है.
जलकल विभाग के अभियंताओं पर भी एक्शन
नगर आयुक्त ने सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत के मामले में गलत निस्तारण रिपोर्ट लगाने पर जलकल विभाग के अभियंताओं पर भी एक्शन लिया है. यह शिकायत गोविंदनगर के आठ ब्लॉक में मेन पेयजल लाइन टूटी होने की थी. इसके निस्तारण की जिम्मेदारी अधिशाषी अभियंता पीके जौहरी को दी गई थी. इसमें अवर अभियंता ने गलत निस्तारण रिपोर्ट सीएम पोर्टल पर भेज दी जबकि मौके पर अभी भी पानी बहकर सड़क पर भर रहा है. जांच में मामला खुलने पर नगर आयुक्त ने अवर अभियंता का वेतन रोकने के अलावा अधिशाषी अभियंता पीके जौहरी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने, महाप्रबंधक जलकल विभाग केपी आनंद का भी स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए.