ABC News: कानपुर में जाजमऊ आगजनी मामले में आरोपी सपा विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. वहीं फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा के मामले में आरोपी इरफान के साले अख्तर लियाकत मंसूरी उर्फ अली को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है.
जाजमऊ में प्लाट पर कब्जे को लेकर आगजनी की घटना हुई थी. मामले में नजीर फातिमा ने 7 नवंबर 2022 को सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ प्लाट पर कब्जे के लिए आग लगवाने का आरोप लगाते हुए जाजमऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मामले में सेशन कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद रिजवान के अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी, जहां उन्होंने झूठा फंसाए जाने का तर्क रखा था लेकिन अभियोजन की सख्त पैरवी के चलते हाईकोर्ट से भी रिजवान को जमानत नहीं मिल सकी. मामले में इरफान की जमानत अर्जी पहले ही हाईकोर्ट खारिज कर चुका है. वहीं धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप में ग्वालटोली थाने में भी एक एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी के साले अख्तर लियाकत मंसूरी भी आरोपी हैं. अख्तर की सेशन कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने अख्तर की जमानत मंजूर कर ली है. मामले में अन्य आरोपियों सपा नेत्री नूरी शौकत, इशरत अली व अम्मार इलाही को हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है.