Kanpur: दर्शन, एकजुटता, बहस और जातीय समीकरण, भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह भोले के नामांकन में जानें क्या रहा खास

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ABC News: (रिपोर्ट: सुनील तिवारी) चौथे चरण के नामांकन की शुरूआत में अकबरपुर लोकसभा का खाता खुल गया है. नामांकन के पहले दिन भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह भोले शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपना पर्चा दाखिल करने पहुंचे. गर्मी के जबरदस्त तेवरों को पीछे छोड़ते हुए भोले ने परमट से डीएम दफ्तर तक का सफर पैदल ही तय किया. भोले के नामांकन में जहां पार्टी की एकजुटता नजर आयी, वहीं, नामांकन में जातीय समीकरण का मेल भी दिखाई दिया. इस दौरान भाजपा प्रत्याशी की पुलिस से बहस भी हो गई.

नामांकन के पहले अकबरपुर लोकसभा से प्रत्याशी देवेंद्र सिंह भोले सुबह सबसे पहले परमट में बाबा आनंदेश्वर के दर्शन करने पहुंचे. यहां उन्होंने सबसे पहले बाबा आनंदेश्वर के समक्ष माथा टेका और फिर परमट में आयोजित सभा में पहुंच गए. यहां पर साधु संतों का माल्यार्पण कर उनका आर्शीवाद लिया गया. सभा में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, राज्यमंत्री असीम अरूण, महापौर प्रमिला पांडे, एमएलसी अरूण पाठक, सलिल विश्नोई, कानपुर लोकसभा प्रत्याशी रमेश अवस्थी, पूर्व सांसद जगतवीर सिंह द्रोण, पूर्व विधायक आरपी कुशवाहा समेत अन्य नेता भी जुटे. इस दौरान भाजपा प्रत्याशी पर तैयार किये गए गाने को लेकर भी यहां पर खूब चर्चा रही.

सभा में शामिल हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यहां पर दावा किया कि भोले को सबसे ज्यादा लीड उनकी महाराजपुर विधानसभा से ही मिलेगी. गौरतलब हो कि इसके पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और दोनों सांसदों, जिसमें भोले के साथ पचौरी भी शामिल थे, उनकी अदावत काफी चर्चा में रही थीं. पचौरी और भोले, दोनों ने ही विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की बैठकों का बहिष्कार तक कर दिया था, करबिगवां रेलवे क्रॉसिंग पर बनाए गए पुल के उद्घाटन में भी भोले नहीं गए थे, इसके बाद जिस तरह से हाईकमान ने तेवर दिखाए, उसके बाद फिलहाल सारी गुटबाजी ठंडे बस्ते में दिखाई पड़ रही है. राज्य मंत्री असीम अरूण ने भी भोले के कामों के बारे में बताया. परमट से जुलूस की शक्ल में नामांकन जुलूस सरसैयाघाट तिराहा पहुंचा, यहां से भोले पार्टी नेताओं के साथ कलेक्ट्रेट में नामांकन दाखिल करने गए.

वकील ले जाने को लेकर पुलिस से बहस
डीएम दफ्तर में नामांकन के लिए जाते समय जब भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह भोले पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच से अंदर जाने लगे, तो उनके वकील के साथ पूर्व सांसद जगतवीर सिंह द्रोण, पूर्व विधायक आरपी कुशवाहा और वकील अंदर चले गए. इसके बाद वह एक और वकील और कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को लेकर अंदर जाने को कहने लगे तो उनकी एसीपी कोतवाली से बहस हो गई. काफी जद्दोजहद के बाद कैबिनेट मंत्री राकेश सचान अंदर गए लेकिन निर्वाचन से शिकायत के बाद उन्हें बाहर जाना पड़ा.

नामांकन में साधे जातीय समीकरण
नामांकन के दौरान भाजपा प्रत्याशी जातीय समीकरण को भी साधते हुए नजर आए. भोले के साथ प्रस्तावकों में पूर्व सांसद और पूर्व महापौर जगतवीर सिंह द्रोण के साथ पूर्व विधायक डॉ. आरपी कुशवाहा शामिल रहे. भाजपा में आने से पहले पूर्व विधायक डॉ. आरपी कुशवाहा बसपा में थे. चर्चा है कि इस तरह भोले ने अपने साथ ब्राह्मण और ओबीसी वर्ग के जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है.

नामांकन जुलूस से लगा भीषण जाम
नामांकन जुलूस का असर वीआईपी रोड, सरसैयाघाट, सिविल लाइंस, कचहरी और बड़ा चौराहा के यातायात पर भी पड़ता हुआ दिखाई दिया. जैसे ही परमट से जुलूस निकला, उसके बाद वीआईपी रोड पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं,, वाहन चालकों ने दूसरे रास्तों से निकलना शुरू किया तो वह रास्ते भी धीरे धीरे जाम होते चले गए.40 डिग्री जाम में फंसकर राहगीर भी बिलबिला गए. हालांकि, पुलिस लगातार जाम को खुलवाने के प्रयास में जुटी रही लेकिन वाहनों की भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि हर तरफ लोग पसीने से तरबतर नजर आए.

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