ABC News: थैलेसीमिया पीड़ित 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने और उनके गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की खबर के बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि इस मामले में कांग्रेस और सपा मुखिया की तरफ से उठाए गए सवालों के बाद शासन स्तर से भी नाराजगी जताई गई है.
इसके बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला मीडिया के सामने आए. डॉ. संजय काला ने मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष के बयान को ही पूरी तरह से आधारहीन, अनाधिकृत और गलत बताया है. इसलिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में जब कोई मरीज थैलेसीमिया का आता है, तो सबसे पहले उसकी स्क्रीनिंग की जाती है.
यही नहीं, इस बात का भी मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने दावा किया कि वर्ष 2019 के बाद से अभी तक कोई भी थैलेसीमिया संक्रमित एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी से ग्रसित नहीं पाया गया. केवल साल 2014 और 2019 में एक-एक मरीज स्क्रीनिंग के दौरान एचआईवी संक्रमित पाया गया था, जिनका किसी दूसरी जगह ब्लड ट्रांसफ्यूजन हो रहा था. कुछ ऐसी ही रिपोर्ट उन्होंने हेपेटाईटिस बी और सी के मरीजों की भी दी. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफ्यूजन से अभी तक कोई भी थैलेसीमिया का मरीज संक्रमित नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में एलाइजा टेस्ट के साथ नेट टेस्टिंग भी की जाती है, जोकि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार है.
मल्लिकार्जुन खड़गे और अखिलेश ने उठाए थे सवाल
इस मामले को लेकर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से हमला बोला गया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि कहा कि डबल इंजन की सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है. इसी बहाने उन्होंने पीएम मोदी पर भी तंज कसा है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी इस मामले में हमला बोला है, उन्होंने ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश में संक्रमित ख़ून चढ़ाने से 14 बच्चों को HIV और हेपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है. इस लापरवाही की तत्काल जाँच हो और इस तरह की घातक गलती की सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए.उप्र में चिकित्सा व्यवस्था देखनेवाला कोई नहीं है.