ABC News: टाटमिल चौराहा के जाम में फंसने की वजह से एंबुलेंस के अंदर ही घायल युवक की मौत के बावजूद हालात में सुधार होते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं. सड़कों पर आम लोगोें की संवेदनहीनता की तस्वीर एक बार फिर सामने आयी है, इस बार यह तस्वीर सिविल लाइंस में कचहरी की सबसे व्यस्त रहने वाली सड़क पर दिखी. कचहरी पर फुटपाथ से लेकर सड़क तक कब्जों और वाहनों की पार्किंग की वजह से यहां पर जाम लगना रोज की बात है.
इसी जाम में एक बार फिर एक एंबुलेंस फंस गई,, एंबुलेंस के फंसने के बावजूद इसे रास्ता देने के लिए किसी के अंदर भी संवेदनशीलता नहीं जागी. इस बीच मीडियाकर्मी वीडियो बनाने लगे, तो पुलिसकर्मी भी एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए कुछ सजग दिखे. हालांकि, यह तस्वीर राहगीरों की संवेदनहीनता पर भी सवाल खड़े कर रही है. अब इसको लेकर पुलिस कमिश्नर की तरफ से भी निर्देश दिए गए हैं. इसमें कहा गया है कि एंबुलेंस व अग्निशमन वाहन को प्राथमिकता के आधार पर पास कराने की जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों की है. निर्देशों में कहा गया है कि एंबुलेंस व अग्निशमन वाहन को रास्ता न देने वाले वाहनों का नियमानुसार चालान करते हुए वाहन चालक के विरूद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करें.किसी भी सूरत में एंबुलेंस और दमकल वाहन जाम में नहीं फंसने चाहिए. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने भी लोगों से ऐसे वाहनों को रास्ता देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर कहीं ऐसा पाया जाता है और उसका वीडियो मिलता है तो संबंधित के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड को रास्ता न दिया तो होगी कार्रवाई…
पुलिस आयुक्त डॉ.आर. के. स्वर्णकार महोदय ने जारी किया आदेश एंबुलेंस एवं अग्निशमन वाहन को प्राथमिकता के आधार पर पास करा जाये। -ताकि जाम में फंसकर इलाज के अभाव में फिर किसी की जान न जाये।@Uppolice pic.twitter.com/1emI6KM0VP
— POLICE COMMISSIONERATE KANPUR NAGAR (@kanpurnagarpol) October 10, 2023
यह दिए गए आदेश
एंबुलेंस व अग्निशमन वाहन को रास्ता न देने वाले वाहनों का नियमानुसार चालान करते हुए वाहन चालक के विरूद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करें.
चेक किया जाये कि उक्त प्रकार के वाहनों को कौन रास्ता नहीं दे रहा है.
यह सुनिश्चित किया जाये कि ड्यूटीरत पुलिस कर्मी एंबुलेंस व अग्निशमन वाहन को प्राथमिकता के आधार पर रास्ता दिलायें, किसी भी परिस्थिति में एम्बुलेन्स एवं अग्निशमन वाहन जाम में न फंसने पायें.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी