ABC News: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान को एक वर्ष की शेल्फ लाइफ वाली कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली शुगर और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली विटामिन ए फोर्टिफाइड शुगर के उत्पादन के लिए तकनीक विकसित करने में सफलता मिली है. इस बात की जानकारी देते हुए एनएसआई के निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने दी.
उन्होंने बताया कि छह वर्षों की रिसर्च के बाद यह सफलता मिली है. उन्होंने दावा किया कि यह देश की पहली ऐसी रिसर्च है, जो लो GI में की गई है. उन्होंने बताया कि लोगो के ये चिंता होती है कि चीनी खाने से ब्लड में शुगर का लेवल ना बड़े इसलिए राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने चीनी का एक ऐसा शोध स्थापित किया है जिसको खाने से ब्लड में शुगर का लेवल नहीं बढ़ेगा, रक्तचाप भी नियंत्रित रहेगा और जो लोग नान एल्कोहलिक है उनका फैटी लीवर भी नहीं बढ़ेगा.
उन्होंने बताया कि चीनी के स्तर पर समय के साथ पड़ने वाले प्रभाव के अनुसार खाद्य पदार्थों को उच्च जीआई, मध्य जीआई या लो जीआई के रूप में बांटा गया है. प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने बताया कि किसी विशिष्ट भोजन का जीआई जितना कम होगा, वह किसी के रक्त शर्करा स्तर को उतना ही कम प्रभावित कर सकता है और उसको खाने से ब्लड शुगर का लेवल तेजी से नहीं बढ़ता.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी