ABC News: कानपुर चिड़ियाघर में दर्शकों को पहली बार जंगली भैंसे और जंगली कुत्तों का दीदार करने को मिलेगा. मंगलवार देर रात सफेद बाघिन, जंगली भैंसा और कुत्ता समेत 12 वन्य जीव चिड़ियाघर पहुंच गए हैं. सभी अस्पताल परिसर में 15 दिन के लिए क्वारंटीन कर दिए गए हैं.
इसके बाद इनको बाड़ों में दर्शकों के लिए रखा जाएगा. इन जानवरों की देखरेख के लिए डॉक्टरों की टीम को लगा दिया है. बता दें कि वहीं एक्सचेंज योजना के तहत गुरुवार देर रात कानपुर से तिरुपति के जुलॉजिकल पार्क के लिए 14 वन्य जीव भेजे जाएंगे. वन्य जीव प्रेमियों को चिड़ियाघर में माह के अंत तक नए वन्य जीवों का दीदार करने का मौका मिलेगा. उत्तर प्रदेश में पहली बार कानपुर चिड़ियाघर में जंगली भैसें और कुत्ते लाए गए हैं. इससे पहले किसी भी चिड़ियाघर में ये जानवर नहीं लाए गए हैं. चिड़ियाघर से भेजी गए छह सदस्यों की टीम सभी वन्य जीवों को सुरक्षित लेकर पहुंच गई है. आंध्र प्रदेश से एक-एक नर-मादा जंगली भैंसा, एक मादा सफेद बाघिन (दुर्गा), एक नर और दो मादा जंगली कुत्ते और एक नर और 3 ईिबस पक्षी, 3 ग्रे पेलिकन पक्षी चिड़ियाघर लाए गए हैं.
इसके बदले में कानपुर चिड़ियाघर से सफेद बाघ लव और एशियाई शेरनी सुंदरी, एक नर व एक मादा चिंकारा, दो बतख, 3 बारह सिंघा, 2 पाड़ा हिरन, 2 चिंकारा हिरन को तिरुपति स्थित जुलॉजिकल पार्क भेजा जाएगा. उन्होंने बताया है कि इन जानवरों का भी मेडिकल परीक्षण हो चुका है. रेंजर नावेद इकराम ने बताया कि चिकित्सीय परीक्षण के बाद उन्हें अस्पताल परिसर में 15 दिन के लिए एकांतवास में रख गया है. इसके बाद उन्हें दर्शकों के मनोरंजन के लिए सार्वजनिक बाड़ा में रखा जाएगा. यहां से भेजे जाने वाले वन्यजीव गुरुवार को ट्रक से भेज दिए जाएंगे. कानपुर चिड़ियाघर में 2015 में सफेद बाघिन (सावित्री) लाई गई थी, लेकिन वो एक बार भी बच्चों को जन्म नहीं दे सकी. अब वो उम्र के अंतिम पड़ाव में जी रही है. सफेद बाघों का वंश बढ़ाने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन मादा सफेद बाधिन (दुर्गा उम्र 4 वर्ष) को लेकर आए हैं. वहीं जंगली भैंसा 4 वर्ष के और जंगली कुत्ते 2-2 वर्ष के हैं.