ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) एक साल बाद भी कानपुर मेट्रो में सफर करने वालों की संख्या में इजाफा नहीं हो रहा है. पूरे दिन में औसतन 400 से 500 यात्री ही मेट्रो में सफर कर रहे हैं. शनिवार को कमिश्नर डा. राज शेखर ने कानपुर मेट्रो का निरीक्षण किया और पाया कि आईआईटी से मोतीझील के बीच संचालित मेट्रो में 10 से 12 यात्री ही एक बार में सफर कर रहे हैं.
कमिश्नर ने किया औचक निरीक्षण
कमिश्नर ने कानपुर मेट्रो की सुविधाओं का औचक निरीक्षण किया. इसके लिए उन्होंने मोतीझील से आईआईटी के बीच तक सफर भी किया। पाया कि मेट्रो समय पर आई और यात्रा सुगम व आरामदायक रही. सभी सुरक्षा कर्मी सतर्क थे और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार ड्यूटी कर रहे थे. दोपहर 1 बजे निरीक्षण के दौरान पूरी मेट्रो में 10 से 12 यात्री ही मौजूद थे. यात्रियों का फीडबैक लेने के लिए कमिश्नर को कई कोच बदलने पड़ गए.
वीकेंड में यात्रियों की संख्या 800 तक
मोतीझील के काउंटर पर ट्रेन का टिकट लेते समय कमिश्नर ने टिकट काउंटर के कर्मचारियों से मोतीझील से आईआईटी कानपुर तक एक दिन में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या के बारे में जानकारी की. टिकट काउंटर के कर्मचारियों ने कमिश्नर को बताया कि एक सामान्य दिन में लगभग 400 से 500 व्यक्ति यात्रा करते हैं और लगभग 700 से 800 व्यक्ति वीकेंड या छुट्टियों पर यात्रा करते हैं.
नो टेंपो, ऑटो जोन करने पर विचार
मेट्रो रूट पर ज्यादातर लोग टेंपों और ऑटो में ही सफर करते हैं। ऐसे में कमिश्नर ने बताया कि प्रशासन और पुलिस को मेट्रो मार्गों को “नो रिक्शा या टैक्सी मार्ग” के रूप में बनाने पर भी विचार करना होगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मेट्रो का उपयोग करें और सवारियों में वृद्धि हो. रिक्शा, ऑटो, टेंपो की बहुत अधिक संख्या के कारण जाम और भीड़ भी कम होगी.