ABC News: (रिपोर्ट: सुनील तिवारी) रावतपुर तिराहे के बाद कानपुर मेट्रो ने एक और चुनौती पर विजय हासिल की है. रविवार को कानपुर मेट्रो के बेनाझावर से मैकरॉबर्टगंज रूट पर पड़ने वाले सीसामऊ नाले पर स्टील स्पैन (स्टील बॉक्स गर्डर) को कुशलतापूर्वक रखा गया. मेट्रो अधिकारियों के अनुसार, एलीवेटेड ट्रैक को अंडरग्राउंड टनल से जोड़ने में यह सबसे बड़ी चुनौती थी. इसके बाद चुन्नीगंज-नयागंज अंडरग्राउंड सेक्शन से जोड़ने के लिए बनाए जा रहे रैंप के निर्माण को अब और तेज किया जाएगा. आपको बता दें कि इससे पहले रावतपुर तिराहे पर भी स्टील बॉक्स गर्डर को इसी तरह रखा गया था.
गौरतलब हो कि वर्तमान में आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो का संचालन हो रहा है. अगले चरण में मेट्रो मोतीझील से बेनाझावर होते हुए चुन्नीगंज तक जाएगी. बृजेंद्र स्वरूप पार्क से मेट्रो एलीवेटेड ट्रैक से उतरते हुए अंडरग्राउंड टनल में जाएगी. इस ट्रैक में सबसे बड़ा अवरोध सीसामऊ नाला बन रहा था. सीसामऊ नाले के दोनों तरफ जो पिलर बनाए गए थे, उनकी दूरी इतनी ज्यादा है कि यहां पर यू गर्डर और आई गर्डर रखना संभव नहीं था. यहां पर दोनों पिलर की दूरी 45 मीटर है, जिसकी वजह से यहां पर स्टील गर्डर रखने की योजना तैयार की गई थी. ऐसा ही स्टील गर्डर अब नौबस्ता बाईपास पर रखा जाएगा, क्योंकि यहां पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एलीवेटेड रोड की वजह से मेट्रो के दोनों पिलर की दूरी काफी ज्यादा है.
ऐसी चुनौतियां आयीं सामने
सीसामाऊ नाले पर रखे गए प्रत्येक स्टील बॉक्स गर्डर कुल 5 भागों को आपस में जोड़कर तैयार किए गए हैं. स्थान कम होने के कारण इन्हें एक साथ जोड़कर रखना करना संभव नहीं था. ऐसे में प्रत्येक गर्डर को दो हिस्सों में; तीन सेग्मेंट नाले के एक तरफ और दूसरे दो सेग्मेंट नाले के दूसरी तरफ रखकर जोड़ा गया. दोनों गर्डर के दोनों हिस्सों के तैयार हो जाने के बाद इन्हें नाले पर अस्थायी रूप से रखकर आपस में जोड़ दिया गया. इस तरह से सभी सेग्मेंट के जुड़ जाने के बाद दोनों स्टील बॉक्स गर्डर को एक-एक कर पिलर पर रखा गया.
स्टील बॉक्स गर्डर की विशेषता
इन स्टील गर्डर्स की लंबाई, कॉरिडोर में इस्तेमाल रहे यू-गर्डर्स से अधिक है, लेकिन इसका वज़न अपेक्षाकृत काफ़ी कम है. बता दें कि कानपुर मेट्रो में इस्तेमाल हुए इन स्टील गर्डर्स की लंबाई 45 मीटर है, जबकि यू -गर्डर्स की लंबाई औसत रूप से 27 मीटर है. जहां 27 मीटर के न्-गर्डर का वज़न लगभग 147 टन है, वहीं इस 45 मीटर के स्टील गर्डर का वज़न लगभग 120 टन है.