ABC News: मंगलवार को नगर निगम सदन में पार्षदों और महापौर का विदाई समारोह आयोजित किया गया. इस बार सदन की कार्यवाही में मुद्दों की जगह ठहाके गूंजे. पार्षदों ने एक-दूसरे को गले मिलकर नम आंखों से विदाई दी. महापौर ने इस भावुक पलों को खुशनुमा करने के लिए हंसते-हंसते कट गए रस्ते… जिंदगी यूं ही चलती रहे गाना भी गाया.
नगर निगम सदन की कार्यवाही वरिष्ठ कांग्रेसी पार्षद कमल शुक्ल बेबी ने कभी अलविदा न कहते हुए गाना गाया. इसके बाद महापौर ने भी गाना गाते हुए माहौल को खुशनुमा कर दिया. महिला पार्षदों ने एक-दूसरे को गले लगकर रुंधे गले से विदाई दी. बता दें कि सोमवार को महापौर और 110 पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो चुका है. सदन की कार्यवाही में भाजपा पार्षद अधिकता में पहुंचे. लेकिन ज्यादातर पार्षद विदाई समारोह से दूरी बनाए रखी. इसके पीछे कुछ पार्षदों ने विदाई समारोह से इसलिए दूरी बनाए रखी कि विदाई समारोह में शामिल होने से जीतकर नहीं आ पाएंगे. कई पार्षद नगर निगम कार्यालय में तो घूमते रहे, लेकिन सदन के अंदर नहीं आए. सभी पार्षदों को महापौर ने लंच कराने के बाद घर भेजा. कार्यकाल समाप्त होने के बाद महापौर प्रमिला पांडेय ने केयर टेकर को गाड़ी की चाभी सौंप दी. हालांकि केयर टेकर ने उन्हें कहा कि नया महापौर आने तक वो गाड़ी का इस्तेमाल कर सकती हैं. लेकिन उन्होंने गाड़ी की चाभी सौंपते हुए अन्य गाड़ी में नगर निगम कार्यालय छोड़कर चली गईं.
नगर की सरकार के पांच साल के दौरान कार्यकारिणी की 14 बैठकें हुईं, इसके साथ 15 नगर निगम के सदन लगे. जहां अधिकारियों ने महापौर और पार्षदों के साथ मिलकर कई योजनाओं को पास कराया. कई बार भारी हंगामा और पुलिस तक बुलाई गई. पांच साल के कार्यकाल में पहली बार पार्षदों और नगर निगम अधिकारियों को कोरोना से जूझना पड़ा. दो साल से ज्यादा का समय कोरोना में बीत गया. इस दौरान पार्षद वह काम नहीं करा पाये जो वह करा सकते थे. इसी वजह से पार्षद सदन में भी कहते रहे की वह तीन साल ही पार्षद रहे.