ABC News: कानपुर में चेन लूट को अंजाम देने वाले दो लुटेरों को नौबस्ता पुलिस ने गिरफ्तार किया है. लखनऊ का गैंगस्टर और आजमगढ़ का शातिर अपराधी मिलकर इस वारदात को अंजाम दे रहे दे रहे थे. पुलिस ने घेराबंदी करके दबोच लिया. शातिर के बैग से लूट की चेन, तमंचा और कई नंबर प्लेट बरामद हुई हैं. लूट के बाद शातिर नंबर प्लेट बदलकर दूसरे जिले में भाग जाते थे.
नौबस्ता पुलिस टीम ने पकड़े दो शातिर चैन लुटेरे, कब्जे से नकद 53400 रु0, दो अदद चैन, 01 अदद चैन का टुकड़ा, दो अदद फर्जी नम्बर प्लेट, एक अदद चाबी व एक अदद मोटर साइकिल पैसन प्रौ रंग काला मय फर्जी नम्बर प्लेट के, एक अदद पिट्ठु बैग, एक अदद तमंचा 315 बोर, दो अदद जिन्दा कारतूस बरामद। pic.twitter.com/YhsD9W3SPl
— POLICE COMMISSIONERATE KANPUR NAGAR (@kanpurnagarpol) May 7, 2023
एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लुटेरों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शातिर लुटेरों ने नौबस्ता, किदवई नगर और बाबूपुरवा समेत कानपुर के अन्य थाना क्षेत्रों में एक दर्जन से ज्यादा चेन और पर्स लूट की वारदात को अंजाम दिया था. सीसीटीवी फुटेज से लुटेरों का हुलिया और बाइक की पहचान कर ली थी. नौबस्ता पुलिस ने कई जगह सिविल ड्रेस में लुटेरों को पकड़ने के लिए जाल बिछा रखा था. शनिवार को दोनों लुटेरे लखनऊ से कानपुर पहुंचे और लूट की फिराक में इधर-उधर राउंड मार रहे थे. इस दौरान सिविल ड्रेस में तैनात पुलिस कर्मियों ने पहचान लिया और पीछा कर लिया. करीब तीन से चार किमी. पीछा करने के बाद यशोदा नगर प्रताप होटल के पास दोनों को घेरकर दबोच लिया. शातिरों ने भागने के लिए एक घर में भी कूदने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने इससे पहले ही दबोच लिया. शातिरों ने भागने के लिए एक के घर में कूदने और पुलिस पर फायर भी झोंकने का प्रयास किया. पूछताछ में दोनों ने अपनी पहचान सती बगिया अनुपम नगर मोतीझील थाना बाजार खाला लखनऊ निवासी राजेश कुमार बताया. जबकि दूसरे साथी ने अपनी पहचान ग्राम जमालपुर ताना निजामाबाद जनपद आजमगढ निवासी विजय कुमार बताई. जांच के दौरान बाइक भी चोरी की निकली. पूछताछ में लुटेरों ने बताया कि हम दोनो लोग कैटरिंग का काम करते थे. दोनों की दोस्ती हरदोई के एक कार्यक्रम में हुई थी. चोरी की बाइक खरीदने के बाद हमलोगों ने कानपुर, लखनऊ, हरदोई समेत कई जिलों में लूट का प्लान बनाया. कानपुर में लूट करने के बाद लखनऊ भाग जाते थे. इसी तरह लखनऊ में करने के बाद हरदोई और हरदोई में लूट करने के बाद लखनऊ या कानपुर में छिपकर रहते थे. शातिर लुटेरों ने बताया कि लूट की वारदात के बाद पुलिस बाइक नंबर के आधार पर तलाश शुरू कर देती थी. इसके चलते बैग में चार से छह नंबर प्लेट लेकर चलते थे. लूट के बाद फौरन बाइक की नंबर प्लेट बदल देते थे. इसके चलते पुलिस की नाकाबंदी में भी चकमा देकर भाग जाते थे. पुलिस समझ भी नहीं पाती थी. एडीसीपी साउथ ने बताया कि शातिर लुटेरा राजेश कुमार लखनऊ का रहने वाला है. लखनऊ से गैंगस्टर और हिस्ट्रीशीटर है. उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में करीब 32 अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. जबकि विजय आजमगढ़ का शातिर अपराधी है. जबकि विजय आजमगढ़ का रहने वाला है. उसके खिलाफ आजमगढ़ में 8 गंभीर मुकदमें दर्ज हैं. दोनों जेल से छूटने के बाद ताबड़तोड़ लूट की वारदातों को अंजाम दे रहे थे.