Kanpur: विवादों से चर्चा में आए करौली बाबा की बढ़ गई फीस, हवन के लिए अब देनें होंगे ढाई लाख रूपए

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ABC News: कानपुर के बिधनू के लवकुश आश्रम में डॉक्टर की पिटाई के बाद चर्चा में आए करौली बाबा डॉ. संतोष सिंह भदौरिया ने भक्तों के सामने एलान किया कि उनके यहां एक दिवसीय हवन की फीस अब 2.51 लाख रुपये होगी. अबतक इसकी कीमत डेढ़ लाख रुपये थी. कुछ भक्तों का कहना है कि बाबा ने ऐसा गुस्से में कहा है. बताया जाता है कि एक पत्रकार ने बाबा से उनके द्वारा ली जा रही भारी भरकम फीस पर सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया कि लोग डॉक्टर को भी इलाज के लिए फीस देते हैं. असाध्य रोगों के लिए वह लाखों रुपये खर्च करते हैं, वैसे ही यहां भी फीस लगती है.

इस बीच उन्होंने हॉल में बैठे करीब 200 भक्तों के बीच में माइक से एनाउंसमेंट किया कि त्वरित लाभ के लिए किए जाने वाले एक दिवसीय हवन के लिए एक अप्रैल से फीस 2.51 लाख रुपये हो जाएगी. यह फीस अभी तक 1.51 लाख रुपये है. अब आश्रम के अंदर प्रवेश का कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है. अन्य दिनों की तरह प्रवेश द्वार पर कोई चेकिंग नहीं थी. अंदर पहुंचते ही पूरा साम्राज्य नजर आया. चप्पे-चप्पे पर काले कपड़ों में बाउंसर घूमते दिखे. जिस बड़े से हॉल में बाबा अपने भक्तों को दीक्षा दे रहे थे, वहां बाबा के आसपास करीब 20 बाउंसर खड़े दिखे. हॉल के बाहर भी 15 बाउंसर खड़े नजर आए. वहीं, चर्चा में आईं बाबा की तीन लग्जरी गाड़ियां (तीन करोड़ की लैंड रोवर डिफेंडर) शुक्रवार को आश्रम में बने गैराज में नहीं थीं. आश्रम में खाने पीने की चीजों से लेकर साज सज्जा की वस्तुएं भी बेची जा रहीं हैं. आश्रम में 1800 रुपये प्रति लीटर में देसी गाय का घी बेच जा रहा था. सूत्रों के अनुसार बाबा के आश्रम या आसपास कहीं भी कोई गोशाला नहीं है, जहां से इतना दूध आता हो. इसके अलावा ऑर्डर देने पर बंसी गेहूं का आटा 275 रुपये में पांच किलो, मल्टी ग्रेन आटा 400 रुपये में पांच किलो, 230 रुपये में आधा लीटर गुलाब जल, 150 रुपये में उपटन फेसपैक और 225 रुपये में आलू फेस पैक आदि भी आश्रम से बेचा जाता है. हालांकि, इतना सारा उत्पाद किस फैक्टरी से आता है, यह कोई नहीं जानता. नोएडा के डॉक्टर सिद्धार्थ और करौली सरकार का विवाद टीवी चैनलों तक पहुंच गया. हाल ही में एक न्यूज चैनल में बाबा और डॉ. सिद्धार्थ के बीच डिबेट कराई गई, जिसमें दोनों ने एक दूसरे को खूब भला बुरा कहा. शुक्रवार को बाबा के सैकड़ों भक्तों ने बिधनू थाने से लेकर राष्ट्रपति को प्रार्थनापत्र लिखकर डॉक्टर सिद्धार्थ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. भक्तों ने बताया कि चैनल में डिबेट के दौरान डॉक्टर सिद्धार्थ ने बाबा को उपशब्दों का प्रयोग किया था, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई हैं. सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2020 में कोविड काल से बाबा के आश्रम में आने वाले भक्तों की संख्या 100 से 500 के बीच रहती थी. लॉकडाउन में बाबा ने अपना यू-ट्यूब चैनल बनाया, जिसमें उसके चमत्कार देखकर अचानक से देश विदेश से सब्सक्राइबरों की संख्या चार लाख का आंकड़ा पार कर गया. अब आश्रम मेंं आने वाले लोगों की संख्या एक हजार से ढाई हजार तक पहुंच चुकी है.

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