ABC News: गुरुवार को ज्योति हत्याकांड में आए कोर्ट के फैसले के बाद पिता शंकर नागदेव और अधिवक्ताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वर्ष 2014 में हुए इस जघन्य हत्याकांड ने कानपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश को भी हिलाकर रख दिया था. पिता ने मीडिया से अपने दर्द को साझा करते हुए कहा कि इंसाफ की लड़ाई लंबी चली, लेकिन आज संतोष है. कहा कि वो ज्योति को तलाक दे सकता था, मारने की क्या जरूरत थी.
यूपी सरकार की तरफ से शासकीय अधिवक्ता दामोदर दास मिश्रा को ये केस सौंपा गया था. उन्होंने बताया कि घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था. ज्योति के ड्राइवर अवधेश कुमार चतुर्वेदी को ही उसकी हत्या की सुपारी दी गई थी. हत्यारों को 80 हजार नगर और ज्योति की पहली पूरी ज्वैलरी पर उसकी मौत का सौदा तय किया था. ADGC क्रिमिनल कानपुर धर्मेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस केस में सबूतों को कड़ी दर कड़ी जोड़ा गया. पीयूष ने हत्याकांड को अंजाम देने में कई बड़ी गलतियां की थी. वो शुरू से झूठ बोलता गया और पुलिस की कड़ी पूछताछ के बाद वो पूरी तरह टूट गया. उसकी कराई FIR भी फेक साबित हुई. अधिवक्ता ने बताया कि पीयूष की मां और दोनों भाइयों को बरी किए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज करेंगे. केस में पिता को भी आरोपी बनाया गया था, लेकिन फैसला आने से कुछ साल पहले ही उनकी डेथ हो चुकी है. कोर्ट ने हत्याकांड में तीनों की कोई भूमिका नहीं पाई. आठ साल पुराने चर्चित ज्योति हत्याकांड में गुरुवार को अपर जिला जज प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी की अदालत ने 6 लोगों को दोषी करार दिया है. मामले में ज्योति के पति पीयूष, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा के अलावा मनीषा के ड्राइवर अवधेश चतुर्वेदी व हत्या में शामिल रहे आशीष, सोनू और रेनू को दोषी करार दिया गया है. दोषियों को कल सजा सुनाई जा सकती है.