ABC News: कानपुर के किसान बाबू सिंह यादव की आत्महत्या मामले में मुख्य आरोपी और एक लाख का इनामी डॉ. प्रियरंजन आशु दिवाकर एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार सुर्खियों की वजह हाईकोर्ट में उसकी तरफ से दाखिल किया गया शपथपत्र बना है. इस शपथपत्र में उसने न केवल पुलिस के संपर्क में होने की बात कहीं, बल्कि यह भी दावा किया वॉट्सऐप कॉल पर वह एसीपी और चकेरी थाना प्रभारी के संपर्क में था. उसने सबूत के तौर वॉट्सऐप कॉल डिटेल के स्क्रीन शॉट्स भी रखे हैं.
यह बात सामने आने के बाद किसान बाबू सिंह यादव का परिवार परेशान हो उठा. शुक्रवार को न्याय संघर्ष समिति के अभिमन्यु गुप्ता के साथ बाबू सिंह यादव की दोनों बेटियों ने ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी से मुलाकात की और पुलिस के रवैये को लेकर सवाल खड़े किए. इस पर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने उन्हें ढांढस बंधाते हुए कहा कि पुलिस पूरी तरह से निष्पक्ष होकर जांच कर रही है. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मुख्य आरोपी प्रियरंजन आशु दिवाकर की तरफ से हाईकोर्ट में झूठा शपथ पत्र दाखिल किया गया है. हाईकोर्ट ने पुलिस ने जवाब मांगा है, जिसे तैयार कराया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि इसके पहले भी सेशन न्यायालय में आशु दिवाकर ऐसा झूठा शपथपत्र दाखिल कर चुका है, तब उसने खुद के रीजेंसी अस्पताल में एडमिट होने की बात कही थी, जबकि रीजेंसी प्रबंधन की तरफ से लिखित जवाब दिया गया था कि इस नाम का कोई शख्स उनके अस्पताल मेें एडमिट ही नहीं हुआ. ज्वाइंट सीपी ने बताया कि हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई में बाबू सिंह यादव के परिजन मौजूद थे और वो सरकारी वकील की बहस से पूरी तरह से संतुष्ट दिखाई दिए थे.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी