ABC News: कानपुर चिड़ियाघर अस्पताल परिसर में रखे गए हिमालयन गिद्ध के स्वास्थ्य में तीन दिन बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ. चिड़ियाघर के डाक्टरों की टीम उसकी स्थिति का अंदाजा न लगा पाने के कारण बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) की वल्चर साइंटिस्ट अल्का दुबे ने उसके स्वास्थ्य का परिक्षण किया. जिसमें उसके तनाव गस्त होने के लक्षण मिले. 15 दिन उसे क्वारंटीन में रखकर इलाज किया जाएगा.
बकरमंडी के पास स्थित बड़ी ईदगाह में लोगों ने दुर्लभ हिमालयन गिद्ध को पकड़ा था. वन विभाग की टीम ने उसे चिड़ियाघर प्रशासन को सौंप दिया था. गिद्ध को चिड़ियाघर अस्पताल परिसर में रखा गया है. डॉक्टरों ने उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया तो किसी तरह की खामी नहीं मिली थी. वह लगातार सुस्त रहने के साथ कर्मचारियों को देखकर कोने में दुबक रहा था और ज्यादा खा नहीं रहा था. गिद्ध की स्थिति का सही पता लगाने के लिए चिड़ियाघर के निदेशक ने वल्चर साइंटिस्ट अलका दुबे को बुलाया था. मगलवार को चिड़ियाघर अस्पताल परिसर में पहुंचकर उन्होनें गिद्ध के रहन-सहन और डाइट की जानकारी ली. जिसके बाद उसकी स्थिति स्पष्ट की. चिड़ियाघर निदेशक केके सिंह ने बताया कि उसे 15 दिन एकांतवास में रखा जाएगा.
जांच में तनाव ग्रस्त होने के लक्षण मिले हैं. इसके अलावा कोई दिक्कत नहीं है. वो पूरी तरह से स्वस्थ है. एकांतवास की अवधि पूरी होने के बाद एक बार फिर उसकी सेहत जांची जाएगी. अगर स्वास्थ में सुधार हुआ तो उसे खुले आसमान में छोड़ दिया जाएगा.स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान प्रभारी पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनुराग सिंह, डॉ. मोहम्मद नासिर, डॉ. नितेश कटियार, क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम व डिप्टी रेंजर दिलीप गुप्ता उपस्थित रहे. हिमालयन गिद्ध सात से बारह किलो वजन तक का होता है. इसके अलावा पंख फैलाने पर उसकी चौड़ाई तीन मीटर तक हो जाती है. यह गिद्ध पहाड़ी क्षेत्रों में 1200 से 5500 मीटर की ऊंचाई पर भारत से लेकर पाकिस्तान, कजाकिस्तान, उजबेगिस्तान, तजाकिस्तान, ईरान, नेपाल, भूटान व तिब्बत तक पाए जाते हैं. ये गिद्ध एक दिन में एक से डेढ़ किलो मांस खा सकता है.