ABC News: (रिपोर्ट: सुनील तिवारी) कानपुर में गंगा का बढ़ा जलस्तर केवल कटरी के गांवों में कोलाहल नहीं मचा रहा बल्कि शहर के घाटों पर भी इसकी विकट तस्वीर दिखाई देने लगी है. गंगा का जलस्तर भले ही खतरे के निशान को पार नहीं किया हो लेकिन घाटों के किनारे जो बस्तियां बसी हैं, उनमें जरूर खतरे की घंटी बजनी शुरू हो गई है.
बैराज से हो रहे रिकॉर्ड डिस्चार्ज की वजह से जाजमऊ के सिद्धनाथ घाट पर गंगा का विकराल रूप नजर आने लगा है. यहां पर श्मशान स्थल तक गंगा का पानी पहुंच गया है. स्थानीय निवासी कह रहे हैं कि आने वाले दिनों में अगर जलस्तर और बढ़ा तो सिद्धनाथ घाट पर बने श्मशान स्थल पर भी पानी पहुंच जाएगा.
इसको लेकर स्थानीय लोगों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं. यही नहीं, सिद्धनाथ घाट किनारे बसी बस्तियों के घरों मेें भी गंगा का पानी घुस चुका है. घाट पर खड़ी एक कार तो आधी पानी में डूब चुकी है.
बस्ती के लोगों का कहना है कि उनकी गृहस्थी पानी से पूरी तरह से घिर चुकी है. उनका कहना है कि वह लोग रोज कमाने खाने वाले हैं. ऐसे में मुश्किल इस बात की है कि जाएं तो जाएं कहां. फिलहाल वह लोग इसी हालातों में अपनी झोपड़ियोें में रह रहे हैं. स्थानीय लोगोें का कहना है कि पानी बढ़ने से जलीय जानवरों का भी खतरा पैदा हो गया है. उधर, कटरी के गांवों में भी बाढ़ का पानी हलचल मचाए हुए है.
कानपुर में गंगा का जलस्तर
गंगा बैराज अपस्ट्रीम 114.76 मीटर
गंगा बैराज डाउनस्ट्रीम 114.56 मीटर
शुक्लागंज 113.17 मीटर
गंगा बैराज से डिस्चार्ज 4,02,315 क्युसेक
हरिद्वार से किया गया डिस्चार्ज 1,56, 422 क्यूसेक
नरोरा से किया गया डिस्चार्ज 1,26, 978 क्यूसेक